हजारे के मजबूत लोकपाल के लिए आंदोलन से पहले तक अहमदनगर जिला स्थित रालेगण सिद्धि गांव का जीवन महाराष्ट्र के अन्य गांवों की तरह ही बहुत धीमा था लेकिन अब वहां पर आने जाने वालों ता तांता लगा रहता है। रालेगण सिद्धि गांव में आने वालों के लिए आकषर्ण का मुख्य केंद्र यादव बाबा मंदिर है जो हजारे का तब से निवास स्थान है जब वह 27 वर्ष पहले सेना में अपनी सेवा समाप्त करके इस गांव में वापस लौटे थे
एक ग्रामीण ने कहा,‘यादव बाबा एक संत थे जो करीब सौ वर्ष पहले इंद्रयाणी नदी के किनारे स्थित आलंदी से रालेगण सिद्धि गांव आए थे। यादव बाबा ने यहां आकर समाधि ले ली थी। उनकी स्मृति में बना यह मंदिर अब एक पहचान बन गया है।’
हास्टल के बाहर प्रवेश द्वार पर सशस्त्र सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। हजारे देशभर से मिलने आने वाले लोगों से मिलने के लिए दिन में तीन बार बाहर आते हैं।
एक वृद्ध व्यक्ति ने कहा,‘‘ये वही अन्ना हैं जो स्वयं को ‘मंदिरात्ला अन्ना’ वह व्यक्ति जो यादवबाबा मंदिर में रहता है। लेकि न चीजें अपरिहार्य हो गई हैं क्योंकि सरक ार क े सुरक्षा उपाय अब स्पष्ट हो गए हैं जिससे आमलोगों क े लिए उनकी उपलब्धता प्रभावित हुई है
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