क्या है कृत्रिम पत्ती : यह सिलिकॉन से तैयार एक नकली पत्ती है, जिसके दोनों तरफ कैटेलिक्टिक पदार्थ लगाए हैं। इसे सूरज की रोशनी में पानी से भरे एक साधारण कंटेनर में रखा जाता है। कुछ ही देर में एक तरफ से ऑक्सीजन और दूसरी तरफ से हाइड्रोजन के ढेरों बुलबुले उठने लगते हैं। बीच में एक बैरियर की मदद से इन्हें अलग-अलग रखा जाता है। इन बुलबुलों को एकत्र कर लेते हैं और बाद में फ्यूल सेल की मदद से बिजली में बदल लेते हैं।
किससे बना है : यह उपकरण भरपूर मात्रा में उपलब्ध सस्ते मटेरियल से तैयार किया गया है। इनमें भी सिलिकॉन, कोबाल्ट और निकल प्रमुख हैं। ऑक्सीजन-हाइड्रोजन अलग करने के लिए सादे पानी का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि सूर्य के प्रकाश में पानी को बांटने वाले अन्य डिवाइसों में प्लेटीनम सरीखे महंगी धातु का इस्तेमाल करते हैं।
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