नई दिल्ली. नोट के बदले वोट कांड को लेकर लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर जबर्दस्त हमला बोला है। बीजेपी के संसदीय दल के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस मुद्दे पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी के दो पूर्व सांसद दोषी हैं, तो वे भी दोषी हैं, उन्हें भी जेल भेजा जाना चाहिए। आडवाणी ने कहा, 'दोनों पूर्व सांसदों फग्गन कुलस्ते और महावीर सिंह भगोरा ने लोकतंत्र को बचाने का काम किया है। लेकिन उन्हें ही जेल भेज दिया गया है। जिन लोगों ने घूस दिया वे आज आराम से बैठे हैं।' आडवाणी ने कहा कि यह खुलासा मेरे कहने पर किया गया था।
आडवाणी की इस टिप्पणी के बाद सदन में बीजेपी के सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी ने आज सुबह ही नोट के बदले वोट कांड में सदन में चर्चा करवाने के लिए नोटिस दे दिया था। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने लालकृष्ण आडवाणी को अपनी बात कहने का मौका दिया।
कांग्रेस नेता शकील अहमद ने भाजपा नेता के बयान पर ट्वीट किया है, 'आडवाणी ने संसद के भीतर कैश फॉर वोट कांड में अपनी भूमिका कबूल कर ली है। क्या उन्होंने पुलिस या कोर्ट को इसकी जानकारी दी थी? इसकी जांच होनी चाहिए।’
अमर सिंह की याचिका पर फैसला 12 सितंबर तक सुरक्षित
नोट के बदले वोट मामले में कोर्ट ने अमर सिंह की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रखा है। कोर्ट ने जेल अधिकारियों से मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले अमर सिंह को अदालत ने 19 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।
‘नोट के बदले वोट’ कांड में राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। चार्जशीट में जिन पांच अन्य लोगों के नाम हैं, उनमें पूर्व बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा, बीजेपी कार्यकर्ता सुहैल हिंदुस्तानी, अमर सिंह के पूर्व सहयोगी संजीव सक्सेना और वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधीन्द्र कुलकर्णी। सुहैल हिंदुस्तानी एवं संजीव सक्सेना इस मामले में पहले ही न्यायिक हिरासत में हैं। जुलाई, 2008 में संसद में विश्वास मत के दौरान कैश फॉर वोट कांड बीजेपी के तीन सांसदों-अशोक अरगल, भगोरा और कुलस्ते ने सदन के पटल पर नोटों की गड्डियां लहराई थीं और यूपीए की सरकार पर वोट देने के लिए घूस देने का आरोप लगाया था।
संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए टली
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए गुरुवार को स्थगित कर दी गई। मॉनसून सत्र में राज्यसभा और लोकसभा के 26 दिनों के कामकाज के आधे दिन अन्ना हजारे, गुजरात लोकायुक्त से लेकर नोट के बदले वोट मामलों में हुए हंगामे की भेंट चढ़ गए। सरकार की 30 से ज़्यादा विधेयक पारित कराने की कोशिश के बावजूद लोकसभा में महज 14 और राज्यसभा में महज 9 विधेयक पेश किए जा सके।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 सितंबर 2011
आडवाणी बोले- तो मुझे भी भेजो जेल, अमर सिंह को नहीं मिली बेल
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