लखनऊ। दिल्ली में अन्ना हजारे के मंच से उप्र पुलिस के विशेष डीजीपी बृजलाल व एडीजी (रेलवे) एके जैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले निलंबित सिपाही सुबोध यादव को राजकीय रेलवे पुलिस बल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
सुबोध ने कहा था कि भ्रष्टाचार का विरोध करने पर उसे अब तक नौ बार निलंबित किया जा चुका है। डीजीपी कार्यालय के अनुसार सुबोध यादव के कृत्यों को लेकर उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बाद में उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई। एडीजी रेलवे एके जैन का कहना है कि सुबोध का जवाब मिलने के बाद अब उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
सुबोध सबसे पहले पुलिस कल्याण संस्थान के गठन को लेकर चर्चा में आया था। उसे नियमों की अनदेखी व अनुशासनहीनता करने तथा लंबे समय से गैरहाजिर रहने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। अन्ना के मंच से सुबोध ने यह भी कहा था कि अब उसे किसी कार्रवाई का भय नहीं है।
इस घटना पर एडीजी कानून व्यवस्था एपी माहेश्वरी ने कहा था कि निलंबित सिपाही को वर्दी पहनने का अधिकार नहीं है और उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। शासन ने 26 अगस्त को उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए थे। सुबोध यादव को जीआरपी गोरखपुर में तैनाती के दौरान निलंबित किया गया था।
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