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03 सितंबर 2011

आज़ादी की दूसरी लड़ाई में काले अँगरेज़ बाधक बन रहे हैं

जी हाँ दोस्तों एक आज़ादी की लड़ाई सभी ने मिलकर अंग्रेजों को भगाने के लियें लड़ी थी धरने दिए ..प्रदर्शन किये .गोलियां खायीं ..जेल में गए और फिर कहीं जाकर यह आज़ादी हमे मिली है लेकिन आज जब भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे नेताओं खासकर सत्तापक्ष के लोगों से जनता मुक्ति मांग रही है देश से भ्रष्टाचार और कालाबाजारी के खिलाफ आवाज़ उठा कर काले धन को बाहर निकालने की बात कर रही है तब सत्ता पक्ष के लोग वही सब कुछ कर रहे है जो अंग्रेजों ने आज़ादी का आन्दोलन दबाने के लियें क्या ,,,,सत्ता पक्ष ने पहले काले धन के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले बाबा रामदेव को आना से लडाया फिर डिवाइड एंड रुल की निति पर सत्तापक्ष ने बाबा रामदेव से समझोता कर गले लगाया उन्हें रामलीला मैदान बेठने की जगह दी जब बात बिगड़ गयी तो फिर उनकी जलियावाला बाग़ जेसी गत बनाई गयी .उनके खिलाफ अचानक सत्तापक्ष ने सारी जांचें शुरू कर दी .इस जीत से सत्तापक्ष का सीना फुल गया और उसने समझा भ्रष्टाचार के खिलाफ जो भी बात करे उसे भ्रस्थ बताओ जेल में डालो ..अन्ना के साथ भी ऐसा ही बर्ताव किया गया पहले अन्ना को डराया धमकाया फिर गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया लेकिन जब जनता की आवाज़ उठी तो सरकार दो कदम पीछे हटी और अन्ना और उनके समर्थकों के आगे अंग्रेजों की तरह नतमस्तक हो गयी सारे देश ने देखा के समझोते हुए दलालों को भेजा गया आन्दोलन के जो समर्थक थे उनकी हिट लिस्ट बनाई गयी और उन्हें सबक सिखाने उन्हें जेल का दरवाज़ा दिखाने के प्रयास तेज़ हो गये ..आन्दोलन के जो गद्दार बने सरकार का जिसने समर्थन किया उन्हें पुरस्कर्त करने की तय्यारी की गयी .............आज बाबा रामदेव के खिलाफ नोटिस उनके खिलाफ जांच अचानक उनके द्वारा काले धन के खिलाफ आवाज़ उठाने का नतीजा है वरना इसी सत्ता के लियें यह बाबा रामदेव भगवान थे ..अन्ना और उनके समर्थकों को सत्तापक्ष ने माथे पर बिठाया और फिर अचानक दूध में से मक्खी की तरह निकाल दिया .ताज्जुब तो यह है के सत्तापक्ष ने वोह अंग्रेजों की निति अपनाई जिसमे वोह डिवाइड एंड रुल की निति से देश को गुलाम बनाये रहे लेकिन अभी इन काले अंग्रेजों की सभी नीतिया फेल हो गयीं साम्प्रदायिकता ..अआर एस एस ..विपक्षी आन्दोलन कहकर आन्दोलन को दबाया बदनाम किया लेकिन वाह देश जिंदाबाद रहा और जनता जीत गयी घोषणा हो गयी लेकिन सत्तापक्ष तो काली अँगरेज़ है उसने केजरीवाल को सताया ..बाबा को उठाया ..अन्ना को भ्रष्ट कहा और किरण बेदी ..ओम,पूरी सहित प्रशांत भारद्वाज को जेल भेजने की धमकिया देकर कार्यवाहियां शुरू की इतना बखेड़ा होने के बाद भी सत्ता पक्ष को पछतावा नहीं है वोह अपनी गलतियाँ सुधारना नहीं चाहती है और एक रावण की तरह हरकतें कर रही है लेकिन उन्हें पता नहीं के दस सर वाले रावण का अंत करने के लियें अब राम का जन्म हो गया है और देश की सुक्ख शांति इमानदारी का जो हरण इस सरकार ने किया है उसे छुडाने के लियें अन्ना रामबाण और हनुमानों की वानर सेना को लेकर आ गये है फिर कुम्भ कारन हो चाहे शूर्पनखा हो चाहे रावण हो सभी को धाराशायी होना ही होगा इसलियें कहते हैं के वन्दे मातरम ..इन्कलाब जिंदाबाद .मेरा देश महान है मेरे देश की भोली भली जनता जब सडको पर आती है तो फिर यह मेरे देश की तरह ही महान हैं .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर पंक्तियाँ....

    शुक्रिया !
    तर्क मज़बूत और शैली शालीन रखें ब्लॉगर्स :-
    हमारा संवाद नवभारत टाइम्स की साइट पर ,


    दो पोस्ट्स पर ये कुछ कमेंट्स हमने अलग अलग लोगों के सवालों जवाब में दिए हैं। रिकॉर्ड रखने की ग़र्ज़ से इन्हें एक पोस्ट की शक्ल दी जा रही है।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी पोस्ट

    मै भी अन्ना तू भी अन्ना...

    यह देश है वीर अन्नाओ का, अनपढ़ नेताओ का, गवार और नालायक सांसदों का.

    इन सांसदों का यारो क्या कहना, ये लगाते देश को लाखो करोडो का चूना.

    बड़ी मोटी चमड़ी है इन सालो की, बड़े तीखे हैं दात चारा खाने वालो के.

    यहाँ बैठते है रावण संसद में.

    ये सुनले है हमें तमन्ना मर मिटने की, कसम हमें तिरंगे की.

    वक्त है आओ मिलकर इंकलाबी नारा बुलंद कर दे.

    भारत माँ की छाती छलनी होती इन चोरो से, छाती पर लोटते सांपो से.

    आओ दिलादे मुक्ति देश को इन गद्दारों से.

    टीम अन्ना, किरण बेदी और ओम पुरीजी ने कुछ भी गलत नहीं कहा अथवा किया है। अब हमें दिखाना है की राष्ट्र जग गया है, इसके लिये हम सब आइये नेताओ को अनपढ़, गवार, नालायक , दोमुहे, चोर, देशद्रोही, गद्दार कहती हुई एक चिठ्ठी लोकसभा स्पीकर को भेजे(एक पोस्टकार्ड ). देखते हैं देश के करोडो लाखो लोगो को सांसद कैसे बुलाते है अपना पक्ष रखने के लिये। यदि इससे और कुछ नहीं हुआ तो भी बिना विसिटर पास के लोक तंत्र के मंदिर संसद को देखने और किरण बेदी के साथ खड़े होने का मौका मिलेगा। और संसद ने सजा भी दे दी तो भी एक उत्तम उद्देश्य के लिये ये जेल भरो होंगा।

    में ये स्पष्ट कर दू की यह विचार मैने एक टिप्पणी से उठाये हैं पर में इससे १००% सहमत हूँ। कृपया इस विचार को अपने अपने ब्लॉग पर ड़ाल कर प्रसारित करे। आइये राष्ट्र निर्माण में हम अपनी भूमिका निभाये।

    जय हिंद

    http://tatva-bodh.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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