मोहाली में तैयार करते थे फर्जी सर्टिफिकेट
उन्होंने जाली सर्टीफिकेट बनाने के लिए मोहाली स्थित घर में कंप्यूटर व अन्य उपकरण लगा लिए। बाद में सुखदेव सिंह की मौत हो गई तो बलबीर ने गुरप्रीत सिंह के साथ मिलकर जाली सर्टीफिकेट बनाने का काम जारी रखा और अपने गिरोह को मजबूत कर लिया। उसने पंजाब सहित अन्य राज्यों में जाली सर्टीफिकेट सप्लाई करने शुरू कर दिए।
परीक्षा कंट्रोलर बदलने पर दस्तखत भी बदले
आरोपी जाली सर्टीफिकेट तैयार करने के लिए हर बारीकी पर ध्यान रखते थे। वे संबंधित यूनिवर्सिटी में परीक्षा कंट्रोलर बदलने पर असल सर्टीफिकेट पर किए कंट्रोलर के हस्ताक्षरों की हूबहू कॉपी करते थे। इसके लिए उन्होंने कई यूनिवर्सिटीज के स्टाफ से संपर्क बना रखे थे।
एसएसपी गुरप्रीत सिंह गिल ने कहा कि आरोपियों से पता लगाया जा रहा है कि उनके विभिन्न यूनिवर्सिटी के किस स्टाफ के साथ संपर्क हैं। विभिन्न राज्यों में सप्लाई का सूत्र बनने वाले आरोपियों को भी काबू करने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपियों से बरामद कंप्यूटर व अन्य उपकरणों को साइबर लैब में जांच के लिए भेज दिया है।
पंजाबी यूनिवर्सिटी में जांच : पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के परीक्षा कंट्रोलर पवन कुमार सिंगला ने कहा कि उनके पास सीआईए स्टाफ के कुछ अधिकारी आए थे। उन्होंने जाली सर्टीफिकेट्स की बारीकी से जांच की है। इसमें पता चला कि ये सर्टीफिकेट्स स्कैन करके तैयार किए गए।
आगे क्या : फर्जी सर्टीफिकेट बनाने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्त में आने के बाद अब पुलिस तीसरे फरार आरोपी जसविंदर की तलाश कर रही है जो ग्राहक ढूंढ़कर लाता था। उसके काबू में आने के बाद इस गिरोह के विभिन्न राज्यों में फैले नेटवर्क का खुलासा होगा। गिरोह ने जिन लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट बांटे हैं, उनमें से कई वर्तमान में सरकारी विभागों में कार्यरत हैं। इन पर भी गाज गिरना तय है। पुलिस पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ व पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के स्टाफ से पूछताछ कर यह भी पता लगा रही है कि आरोपियों के साथ यूनिवर्सिटीज के कौन कर्मचारी मिले हुए थे।
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