इस तरीके से पैद हुए रंगीन चूजे भारत, चीन, मलेशिया, मोरक्को, यमन और अमेरिका में इन्हें अच्छी कीमत पर बेचा जाता है। इस संबंध में जानवरों के हितों के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने आपत्ति जताई है और जानवरों के प्रति होने वाली इस क्रूर हरकतों का विरोध किया है।
दरअसल जिन रंगों के द्वारा इन्हें रंगीन बनाया जाता है, उनमें हाइड्रोजन पराक्साइड और अमोनिया जैसे ख़तरनाक रसायन होते हैं, जो कि इन जानवरों के लिए ख़तरनाक साबित बो सकते हैं।
विशेषज्ञों द्वारा बताया जा रहा है कि इन चूजों को रंगीन बनाने से इनके अलावा इन्हें खाने वाले इंसानों पर भी दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इससे इनकी मौत भी हो सकती है।
हालांकि रंगीन करने की इस प्रक्रिया का कोई ख़ास फायदा नहीं होता, क्योंकि जैसे-जैसे मुर्गी के यह बच्चे बड़े होते हैं, वैसे-वैसे इनके नए पंख निकले रहते हैं और एक निश्चित दिन सभी रंगीन पंख झड़ जाते हैं। लेकिन फिर भी ज़्यादा पैसे कमाने के लालच में इनका व्यापाक करने वाले लोग यह प्रक्रिया अपना रहे हैं।
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