नई दिल्ली. केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत सरकार में सोनिया गांधी की भूमिका को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भले ही पीएम नहीं हैं लेकिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि सरकार की ‘कमान’ उनके ही हाथ में हैं। लेकिन अमेरिका ऐसा नहीं मानता है।
अमेरिकी राजनयिक रॉबर्ट ओ ब्लेक ने कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से लिखा था कि सरकार के कामकाज में सोनिया की भूमिका नगण्य है। यह खुलासा हुआ है खोजी वेबसाइट विकीलीक्स के ताजा गोपनीय संदेशों से। अमेरिकी राजनयिक ने 6 अप्रैल 2005 को लिखे संदेश में कहा था कि सोनिया ने जानबूझकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने वाली नेता की छवि बनाई और कांग्रेसी सभ्यता का भरपूर फायदा उठाया। वह एक ऐसे कोर ग्रुप से घिरी हुई हैं जो उन्हें सलाह देता है और उन्हें आलोचकों के हमले से बचाता भी है।
ब्लेक का दावा है कि गांधी परिवार इसका कभी खुलासा नहीं करता कि कोर ग्रुप में कौन से लोग हैं जो सोनिया को सलाह देते हैं। अमेरिकी राजनयिक ने भाजपा के उन आरोपों का हवाला दिया है जिसमें कहा जाता है कि सोनिया गांधी ‘शैडो प्राइम मिनिस्टर’ की तरह काम करती हैं। राजनयिक का सूत्रों के हवाले से दावा है कि सोनिया और मनमोहन की भूमिकाएं तय हैं। ईमानदार छवि के पीएम सरकार की कमान संभाले हैं वहीं सोनिया कांग्रेस पार्टी पर नजर रखने और गठबंधन सरकार को चलाने के लिए किससे क्या समझौता करना है, इस पर नजर रखती हैं।
अमेरिकी राजनयिक के मुताबिक सोनिया गांधी के तीन मुख्य सलाहकार हैं- अहमद पटेल, अंबिका सोनी और जयराम रमेश। ये कई वर्षों से गांधी परिवार से जुड़े हैं। पार्टी के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि अंबिका सोनी का कद बढ़ता जा रहा है और वह उन लोगों में शामिल हैं जिनपर सोनिया सबसे ज्यादा भरोसा करती हैं। रमेश को विचारक और शब्दों का जादूगर माना जाता है जो गांधी का भाषण तैयार करते हैं और उनके विचारों को आकार देने में मदद करते हैं। सूत्रों ने अहमद पटेल को कमतर आंका जो पहले अपने कौशल के लिए जाने जाते थे और सोनिया के हर फैसले के पीछे उनका ही हाथ माना जाता था।
ब्लेक ने गांधी परिवार के साथ लंबे समय तक जुड़े रहने वाले सलाहकारों के अलावा कांग्रेस में कुछ ऐसे नेताओं का जिक्र किया जो सोनिया गांधी के कोर ग्रुप में कभी शामिल होते हैं तो कभी बाहर आ जाते हैं। इनमें पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह और कृषि मंत्री शरद पवार शामिल हैं। विकीलीक्स के गोपनीय संदेशों के मुताबिक ये बेहद महत्वाकांक्षी हैं और पीएम बनने का ख्वाब देखते हैं। ब्लेक के मुताबिक इस टीम में अर्जुन सिंह (जो अब इस दुनिया में नहीं रहे) भी शामिल थे।
कोर ग्रुप के अलावा सोनिया के आसपास एक और घेरा है जिसमें वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जैसे नेता शामिल हैं। इन नेताओं का गांधी परिवार से लंबा जुड़ाव रहा है और सोनिया गांधी से कभी भी सीधे मिलते हैं और विभिन्न मसलों पर कांग्रेस के फैसले को लेकर सुझाव देते हैं। अमेरिका राजनयिक ने मुखर्जी ने इस ग्रुप में सबसे सीनियर नेता माना है और इनके बारे में भी कहा है कि वह एक दिन पीएम बनने का उम्मीद पाले बैठे हैं।
कांग्रेस और सोनिया गांधी को लेकर अमेरिका की यह राय भले ही छह साल पुरानी हो, पर इससे यह तो पता चलता ही है कि अमेरिका कांग्रेस अध्यक्ष को किस रूप में देखता है।
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