दोनों ही भंवरी के अपहरण का मकसद और उसकी हत्या की आशंका जता चुके हैं, इस सबके बावजूद पुलिस की चुप्पी से लोगों को जांच पर संदेह होने लगा और वे कैबिनेट मंत्री के खिलाफ आंदोलन पर उतर आए हैं।
शनिवार को बोरुंदा के बाजार बंद रहे। सीबीआई जांच के निर्देश होने के बाद पुलिस साजिश में शामिल लोगों पर हाथ डालने और अपहरण कांड का खुलासा करने से कतरा रही है। माना जा रहा है कि एक कैबिनेट मंत्री पर आरोप लगने के कारण राजनीतिक दबाव में पुलिस अफसर चुप हैं। इस मामले का मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन भी 7 दिन तक आबूरोड में छुपा रहने के बाद फरार हो गया था।
बोरुंदा बंद :
सरकार ने भले ही सीबीआई जांच के निर्देश दे दिए हैं, मगर लोग पहले मंत्री महिपाल मदेरणा का इस्तीफा मांग रहे हैं। शनिवार को बोरुंदा बंद रहा।
लोगों ने जोधपुर-मेड़ता मार्ग जाम कर अपहृत भंवरी का पता लगाने और साजिश में शामिल सभी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की। भाजपा के पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, मौजूदा विधायक और देहात के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। जयपुर में भी प्रदर्शन किया गया। ब्यावर में मंत्री का विरोध किया।
राजनीतिक दबाव में पुलिस
पुलिस जानती थी कि भंवरी का अपहरण हाई प्रोफाइल मामला है। इसलिए एसपी (ग्रामीण) नवज्योति गोगोई बिलाड़ा थाने में रातें बिता रहे हैं। खुद रेंज आईजी उमेश मिश्रा आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। रिमांड पर चल रहे सोहनलाल से अपहरण की कहानी और मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन के राजनीतिक ताल्लुकात पता चल चुके हैं, मगर पुलिस ने किसी भी राजनेता से पूछताछ नहीं की है।
थानाधिकारी से एसपी तक को मीडिया से दूरी रखने की हिदायत दी गई है। आईजी भी जयपुर के डायरेक्शन पर स्टेटमेंट दे रहे हैं। आईजी का कहना है कि पुलिस को सब पता है, मगर पुख्ता सबूत हाथ में नहीं हैं।
सुराग हाथ में, पर कार्रवाई नहीं
क्च 1 सितंबर को दर्ज गुमशुदगी रिपोर्ट में सोहनलाल का जिक्र था, उससे 3 से 5 सितंबर तक पूछताछ हुई। अपहरण का मुकदमा 5 सितंबर को दर्ज हुआ। 6 सितंबर को उसे गिरफ्तार किया गया। सोहनलाल 12 दिन से रिमांड पर है।
क्च अपहर्ता गैंग का सदस्य झांसी निवासी अशोक माली 12 सितंबर को रामगढ़ (सीकर) में पकड़ा गया। वह भंवरी का अपहरण कबूल कर चुका है, लेकिन उसे अब तक औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया।
क्च मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन 3 सितंबर तक पीपाड़ में था। फिर 4 से 10 सितंबर तक आबूरोड में रहा। जोधपुर में रह रहीं अध्यापिका रेहाना 7 सितंबर को उसके पास पहुंच गई, लेकिन पुलिस नहीं पहुंच पाई।
क्च अशोक से गुमराह होकर पुलिस 12 सितंबर को चूरू से बेकसूर परमानंद भोजक को पकड़ कर बिलाड़ा थाने ले आई। तीन दिन बाद अशोक का झूठ सामने आया तब भोजक को छोड़ना पड़ा।
मदेरणा पर संदेह क्यों?
>इस सीडी को लेकर उन्हें ब्लैकमेल करने की चर्चाएं पिछले छह माह से तेज हो गई थीं।
>भंवरी का पति अमरचंद नट भी इस अपहरण में मंत्री का हाथ होने का संदेह जता रहा है।
>आरोपी सोहनलाल विश्नोई जल संसाधन विभाग का ठेकेदार है, उसे मदेरणा ने पनपाया।
>मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन, रियां के पूर्व सरपंच गोरधन चौधरी का नजदीकी रहा है।
>पूर्व प्रधान का पुत्र गोरधन चौधरी, मदेरणा परिवार का पुराना एवं नजदीकी कार्यकर्ता है।
>शहाबुद्दीन की बेटी के गौने के समारोह में मदेरणा परिवार के लोग शामिल हुए थे।
पुलिस सब जानती है, लेकिन.. : आईजी
"भंवरी अपहरण मामला अत्यंत संवेदनशील होने के कारण जांच के हर पहलु उजागर नहीं किए जा सकते। पुलिस को साजिश और अपराधियों, दोनों का पता है। मुख्य आरोपी नहीं पकड़े जाते तब तक कुछ भी बताना ठीक नहीं रहता। पुलिस सही दिशा में जांच कर रही है, मगर भंवरी के बारे में अभी कोई सुराग नहीं लग पाया है।"
- उमेश मिश्रा, आईजी, जोधपुर रेंज।
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