लंबित मामलों का निबटारा और न्याय में देरी की शिकायत को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने तय किया है कि ऐसे फौजदारी मुकदमे जो सामान्य प्रकृति के हैं जिन्हें वापस लेने पर किसी को आपत्ति भी न हो, उनकी फाइल बंद कर दी जाए। इससे अदालतों में चल रहे मुकदमों की संख्या कम होगी और न्यायालयों में काम का बोझ भी कम हो जाएगा।
मुकदमे वापस लेने के लिए राज्य के सभी जिलों में एक कमेटी गठित की गई है जो तय करेगी कि अदालतों में विचाराधीन सामान्य प्रकृति के ऐसे कौनसे फौजदारी मामले हैं जो वापस लिए जा सकते हैं।
बीकानेर जिले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश कटारा की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने बीकानेर, नोखा, लूणकरणसर, कोलायत, खाजूवाला व श्रीडूंगरगढ़ की अदालतों में विचाराधीन सामान्य प्रकृति के आपराधिक मुकदमों की जानकारी मंगवाकर उन पर विचार-विमर्श किया। कमेटी में एडीएम सिटी राजेन्द्र मिश्रा व एएसपी सिटी सतीश चन्द्र जांगिड़ भी शामिल है। वापस लेने वाले मुकदमों की सूची तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी।
"लघु प्रकृति के हजारों मुकदमे अदालतों में लंबित पड़े हैं। राज्य सरकार की ओर से इन्हें वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने से अदालतों का बोझ कम हो जाएगा और आम आदमी को बेवजह भटकना नहीं पड़ेगा। "
-कुलदीप शर्मा, सदस्य बार कौंसिल ऑफ राजस्थान
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