नई दिल्ली. विपक्ष और साथी दलों के भारी विरोध के बावजूद सरकार लोगों को महंगा एलपीजी सिलेंडर देने पर अड़ी लगती है। खबर है कि अब सरकार अपने प्रस्ताव में थोड़ा बदलाव कर विरोध कर रहे साथी दलों को मनाने की कोशिश करेगी।
एक परिवार को एक साल में मिलने वाले सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की संख्या 6 के बजाय 8 किए जाने का प्रस्ताव है। इससे ज्यादा सिलेंडर लेने पर बाजार दर (करीब 750 रुपये) पर भुगतान करना होगा। सरकार को उम्मीद है कि इस प्रस्ताव के साथ वह विरोध कर रहे घटक दलों को मना लेगी। सरकार की दलील होगी कि एक परिवार 14.2 किलो गैस वाले एक सिलेंडर का उपयोग 40 से 50 दिन तक कर सकता है। इस हिसाब से एक साल में एक परिवार औसतन 6 से 8 सिलेंडर का इस्तेमाल करता है। इसलिए नए प्रस्ताव से आम लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
प्रस्ताव का विरोध कर रहे घटक दलों (डीएमके, टीएमसी, एनसीपी) का मानना है कि एक परिवार हर साल औसतन 10 से 12 सिलिंडर की जरूरत होती है। इसलिए नए प्रस्ताव पर भी ये दल सहमत हो ही जाएंगे, ऐसा नहीं कहा जा सकता। लेकिन खबर है कि नया प्रस्ताव घटक दलों से संपर्क कर बनाया गया है और इस पर योजना आयोग व पेट्रोलियम मंत्रालय की हरी झंडी भी मिल गई है। सरकार अब इसे ईजीओएम की अगली बैठक में पारित करवाना चाहती है। यह बैठक शुक्रवार को होनी थी, लेकिन घटक दलों के दबाव में नहीं हो सकी।
बताया जा रहा है कि तेल कंपनियों को फिलहाल हर गैस सिलेंडर पर 280 रुपये का घाटा हो रहा है। डीजल पर करीब 5.14 रुपये प्रति लीटर और केरोसिन पर 24.42 रुपये प्रति लीटर का नुकसान उठाना पड़ रहा है। चालूवित्त वर्ष में तेल कंपनियों का कुल घाटा 1 लाख करोड़ रुपये पार करने की आशंका है। उन्हें इस घाटे से बचाने के लिए जनता को दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने की योजना है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 सितंबर 2011
सोई गैस महंगा करने पर अड़ी सरकार, विरोध दबाने के लिए नया प्रस्ताव
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