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21 सितंबर 2011

पीएम की रेस से बाहर हुए आडवाणी, उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी बीजेपी


नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत से संघ के मुख्यालय में मुलाकात के बाद कहा कि उन्हें जीवन में संघ, जनसंघ, बीजेपी, कार्यकर्ताओं और देश से जितना कुछ मिला है, वह प्रधानमंत्री जैसे पद से कहीं ज़्यादा है। आडवाणी ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उनसे 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल होने की बात पूछी गई थी। आडवाणी ने इस खबर का भी खंडन नहीं किया कि संघ ने उनसे पीएम पद की होड़ से बाहर रहने को कहा है। जानकार इन बयानों से यह नतीजा निकाल रहे हैं कि आडवाणी ने खुद को प्रधानमंत्री पद की होड़ से बाहर कर लिया है।
वहीं ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि २०१४ के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार की ही घोषणा न करे। सूत्रों के मुताबिक भाजपा देखो और इंतेजार करो की नीति पर चल रही है और वो पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए फैसला सोच समझ कर लेगी। गौरतलब है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के उपवास के जरिए प्रधानमंत्री पद की रेस में अपनी उम्मीदवारी मजबूत कर चुके हैं। भाजपा में मोदी के अलावा भी कई वरिष्ठ नेता है जो प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार हो सकते हैं ऐसे में किसी भी प्रकार की अंदरूनि राजनीति से बचने के लिए बीजेपी ने देखो और इंतेजार करो की नीति पर चलने का फैसला लिया है।
मोहन भागवत से मुलाकात और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी का हालचाल पूछने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मैं रथयात्रा शुरु करने से पहले मोहन भागवत से आशीर्वाद लेने आया था। मोहन भागवत ने मुझे पूरा समर्थन और आशीर्वाद दिया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक मोहन भागवत ने रथयात्रा में पूरा सहयोग देने की बात कही है। आडवाणी ने रथयात्रा के कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 24 सितंबर को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी दिल्ली आकर रथयात्रा का कार्यक्रम घोषित करेंगे। आडवाणी ने यह भी बताया कि उनकी यात्रा 35 से 40 दिन में पूरी हो जाएगी और वो चाहेंगे की रथयात्रा लोकसभा के शीत सत्र से पहले समाप्त हो जाए।

आडवाणी ने यह भी बताया कि इस बार वह देश के पूर्वोत्तर हिस्से में भी जाएंगे। उनकी यात्रा का उद्देश्य गुड गवर्नेंस और क्लीन पॉलिटिक्स (स्वच्छ राजनीति और सुशासन) को बढ़ावा देना होगा। लालकृष्ण आडवाणी ने यह भी कहा कि वोट के बदले नोट प्रकरण में उनकी भी जिम्मेदारी थी। वह उस समय विपक्ष के नेता थे यदि वह अपने सांसदों से मना करते तो वो लोकसभा के पटल पर नोट नहीं रखते।

बीजेपी के प्रवक्ता बलबीर पुंज ने कहा कि पार्टी ने अभी तक 2014 के आम चुनावों के लिए किसी को भी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। पुंज ने कहा कि ऐसे में किसी के रेस से हटने या शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता है।

वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता राम माधव ने कहा है कि संघ और आडवाणी की रथ यात्रा को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है। राम माधव ने कहा कि संघ ने आडवाणी को किसी तरह का दिशानिर्देश नहीं दिया है। संघ उनकी रथयात्रा का पूरा समर्थन करता है। राम माधव ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघ हर अभियान के साथ है। राम माधव ने आडवाणी की पीएम पद के लिए दावेदारी पर कहा कि यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है।
केंद्र सरकार पर साधा निशाना
लालकृष्ण आडवाणी ने केंद्र सरकार पर जबर्दस्त हमला करते हुए कहा, 'मेरा उद्देश्य रहा कि सरकार गुड गवर्नेंस और क्लीन पॉलिटिक्स के आधार पर चले। यदि क्लीन पॉलिटिक्स के नजरिए से सोचा जाए तो 2008 में हुआ नोट के बदले वोट घोटाला भारत के इतिहास में सबसे शर्मनाक घोटाला है। लेकिन यदि हम गुड गवर्नेंस की बात करे तो इस समय तो कोई सरकार ही नहीं है। पहली बार ऐसा हुआ है जब कई मंत्री न सिर्फ हटाए गए बल्कि जेल भी भेजे गए।'

आडवाणी ने कहा, 'कैश फॉर वोट ने न सिर्फ राजनीतिक व्यवस्था पर एक बहुत बड़ा दाग लगा बल्कि यह लोकतंत्र पर भी धब्बा है। कोई सरकार अपने आपको बचाने के लिए इस बात की जांच करती है कि विपक्ष में कौन कौन से सांसद बिकाऊ है। कीमत करोड़ों में हो तो भी वो देने को तैयार है। अब इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वो विश्वासमत नोट देकर जीता गया। 19 लोगों ने क्रॉस वोटिंग की। बाद में इनमें से कुछ कांग्रेस के सांसद बन गए। इसके बाद 2010 में पूरा का पूरा शीत सत्र भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। उस समय तीन बड़े घोटाले उजागर हुए। संसद में पूरा का पूरा विपक्ष एकजुट हो गया और यह मांग की कि जब तक घोटालों की जांच नहीं होगी तब तक संसद नहीं चलने दी जाएगी।'
अपनी रथ यात्रा का जिक्र करते हुए बीजेपी के वरिष्ठतम नेता ने कहा, 'इस बीच मुझे यह लगा कि मैं गुड गवर्नेंस और क्लीन पॉलिटिक्स के मुद्दे को लेकर यात्रा करूं। मेरी यह इच्छा तब और बढ़ गई जब कैश फॉर वोट कांड का उजागर करने वाले हमारे दो सांसदों को जेल भेज दिया गया। पूरी दुनिया भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को बचाती है। हमने अपने देश में ऐसा करने वाले को जेल भेज दिया गया। मैंने यह भी कहा कि यदि वे सांसद अपराधी हैं तो मैं भी अपराधी हूं। मुझे भी तिहाड़ जेल भेजा जाना चाहिए था। देश अच्छा होगा और महान होगा यदि गुड गवर्नेंस और क्लीन पॉलिटिक्स को लेकर पार्टियां चलेंगी। मेरी यात्रा का उद्देश्य इन्हीं दो बातों को बढ़ावा देना है। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी 24 सितंबर को दिल्ली में आकर रथयात्रा के कार्यक्रम की घोषणा करेंगे और हम 35-40 दिन में यात्रा पूरी कर लेंगे।

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