जोधपुर/बिलाड़ा.एक सितंबर से लापता एएनएम भंवरी देवी के पति अमरचंद नट ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलाड़ा की अदालत में मंगलवार को जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा के खिलाफ इस्तगासा दायर किया है।
इसमें भंवरी देवी की आपत्तिजनक सीडी तैयार कर ब्लैकमेल करने व उसके साथ ज्यादती करने का आरोप लगाया गया है। इस्तगासे में कहा गया है कि इन बातों के उजागर होने के डर से मंत्री ने उसकी पत्नी का अपहरण करवा लिया। संभवतया उसकी हत्या भी कर दी गई है।
अदालत में इस्तगासा पेश होने के बाद इसे कार्यालय रिपोर्ट के लिए रखा गया है। इस पर बुधवार को सुनवाई होगी। इस्तगासे में अमरचंद ने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि उसकी पत्नी के लापता होने के बाद उसने पुलिस को यह सारी बातें बताई, लेकिन पुलिस वालों ने उसे धमका कर सिर्फ गुमशुदगी रिपोर्ट लिखवाने को कहा।
परिवादी की ओर से थाने में पेश रिपोर्ट में पुलिस ने राजनीतिक व हाईप्रोफाइल लोगों के नाम हटवाकर मामला दर्ज किया।
तबादले के एवज में ज्यादती :
इस्तगासे में भंवरी देवी के पति ने कहा कि उसकी 37 वर्षीय पत्नी जालीवाड़ा पीपाड़ में एएनएम के पद पर कार्यरत थी। उसने अपने इच्छित स्थान पर तबादला करवाने के लिए मदेरणा से संपर्क किया। इस पर मदेरणा ने उसका स्थानांतरण तो करवा दिया गया, लेकिन इसके बाद फोन कर भंवरी को किसी न किसी बहाने बुलाने लगे।
इसी दौरान उन्होंने षड़यंत्रपूर्वक भंवरी की आपत्तिजनक सीडी तैयार करवाई और ब्लैकमेल कर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके अलावा मदेरणा ने उसे अपने साथियों के साथ संबंध बनाने के लिए भी मजबूर किया।
परिवादी का कहना था कि उसकी पत्नी ने तंग आकर इन कामों का खुलासा व शिकायत करने की बात कही थी। इस तरह के खुलासे के डर के कारण ही मंत्री ने उसकी पत्नी का अपहरण करवा लिया व फिर संभवतया उसकी हत्या कर दी गई।
गृह सचिव सहित चार को नोटिस
पिछले 20 दिन से लापता बोरुंदा की एएनएम भंवरी देवी के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के गृह सचिव, आईजी पुलिस (जोधपुर रेंज), एसपी (जोधपुर ग्रामीण) और गिरफ्तार ठेकेदार सोहनलाल विश्नोई को नोटिस जारी किए हैं।
यह आदेश न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश सीएम तोतला की खंडपीठ ने अमरचंद नट की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के तहत दिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि भंवरी देवी 20 दिन से लापता है।
उसके अपहरण का संदेह हाई प्रोफाइल लोगों पर है। यही कारण है कि पुलिस ठीक से अनुसंधान नहीं कर रही और मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही है। इस पर खंडपीठ ने अदालत में मौजूद सरकारी वकील बरकत खान मेहर को पुलिस अधिकारियों के नाम से नोटिस थमाते हुए आगामी 22 सितंबर को जवाब-तलब किया है।
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