योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने गरीबो की नई परिभाषा दी थी उनके मुताबिक शहरों में 32 रुएए और गांवो में 26 रुपए रोजाना खर्च करने वाला गरीब नहीं है लेकिन ये जनाब तो इस रकम से हजारों गुना ज्यादा रोज का खर्चा करते हैं और वो भी सरकार की जेब से। आरटीआई के तहत मांगी एक जानकारी के मुताबिक योजना आयोग के उपाध्यक्ष की विदेश यात्राओं का रोजाना का औसतन खर्च 11,354 रुपए है। और जाहिर है कि यह खर्च आपकी और हमारी जेब काट कर ही दिया जाता है जिसे सरकार टैक्स के रुप में वसूलती है और सरकारी मंत्री और बाबू उसपर ऐश करते हैं।
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने पांच सालों में विदेश यात्राओं पर 2 करोड़ 4 लाख 36 हजार 825 रुपए खर्च किए। यह आंकडे जुलाई 2006 से जुलाई 2011 के बीच के हैं इस दौरान मोंटेक ने 16 बार सरकारी खर्चे पर 35 विदेश यात्राएं की। इसमें से केवल एक बार उन्होंने अपनी जेब से विदेश यात्रा का खर्च चुकाया।
इस जानकारी के मुताबिक मोटंके ने पिछले पांच साल के दौरान 16 बार अमेरिका की सरकारी यात्रा की चार बार ब्रिटेन और चार बार सिंगापुर की यात्रा की इसके अलावा अहलूवालिया दो-दो बार चीन और फ्रांस की यात्रा भी सरकारी खर्चे पर की। यही नहीं स्विटजरलैंड, सऊदी अरब, कनाडा, ओमान, बहरीन कोरिया और जापान की यात्रा भी सरकारी खर्चे पर निपटा डाली।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)