नई दिल्ली. टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आयकर विभाग की ओर से बकाया भुगतान के लिए जारी नोटिस पर आज मीडिया के सामने सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘सरकार के दबाव में आयकर का नोटिस दिया गया है। स्टडी लीव के बाद एक नवंबर 2002 को मैंने नौकरी ज्वाइन की थी इसके बाद फरवरी 2006 को रिजाइन किया।’ उन्होंने बताया कि उनकी छुट्टी विभाग की ओर से बकायदा मंजूर हुई थी।
सरकार पर बॉन्ड को गलत तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि स्टडी लीव लेकर कोई गलती नहीं की थी। इस नोटिस के पीछे राजनीतिक दबाव है।’ केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनके परिवार और रिश्तेदारों को भी परेशान किया जा रहा है।
केजरीवाल को आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। इसमें नौ लाख रुपये बकाया चुकाने के लिए कहा गया है। बकाया चुकाए बिना उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किए जाने की बात भी कही गई है। केजरीवाल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मेरा मानना है कि इसमें आयकर विभाग की कोई गलती है। इसमें सीधे-सीधे उनके राजनीतिक आकाओं का हाथ लगता है।’ केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘अगले साल तक मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता तो सरकार को पूरी उम्र मुझे पेंशन देनी पड़ जाएगी।’
उन्होंने कहा कि 2006 मे उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन 2007 के बाद से कोई पत्र नहीं आया। उन्होंने कहा, ‘मेरे मामा के यहां कुछ दिन पहले कुछ लोग पूछताछ करने गए थे। मेरे करीबियों को परेशान किया जा रहा है। हाल में एक अखबार में खबर छपी कि मेरे चाचा बचपन में आरएसएस में जाना चाहते थे। मुझे समझ नहीं आता कि इससे मेरा-क्या लेना देना। जबकि मेरे चाचा की ट्रक दुर्घटना में पांच साल पहले मौत हो गई थी।’
केजरीवाल ने कहा, 'मैंने तीन साल के बॉन्ड की शर्तों का पालन भी किया। नियम यह है कि स्टडी लीव के बाद कोई कर्मचारी अगले तीन साल में रिटायर हो जाता है, नौकरी छोड़ देता है या नौकरी ज्वाइन नहीं करता है तो उसे किसी तरह का बकाया नहीं देना होता है। यदि उन्हें लगता है कि मैंने बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन किया है तो उन्हें मेरा बकाया माफ करने का अधिकार किया है क्योंकि मैंने जनहित में कार्य किया है। मैंने विभाग को बता दिया था कि पुरस्कारों में मिली राशि मैंने दान कर दी है।'
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम के लिए जुटने वाली रकम को लेकर उठ रहे सवालों के भी जवाब टीम अन्ना ने दिए। केजरीवाल ने कहा कि अन्ना जी के निर्देशों पर हम एक अप्रैल से 31 अगस्त के बीच हुए खर्जों का लेखाजोखा प्रकाशित करेंगे। हमारी मांग है कि कांग्रेस भी अपना लेखा-जोखा जगजाहिर करे। उन्होंने कहा, ‘यदि हम पारदर्शिता की मांग करते हैं तो हमें भी पारदर्शी होना चाहिए। हमें अपने बारे में किसी तरह की जांच को लेकर कोई आपत्ति नहीं है चाहे आप मेरे सात जन्मों तक मेरे रिकार्ड की जांच कर लें।’
टीम अन्ना की एक और अहम सदस्य किरण बेदी ने कहा कि उन्हें नोटिस की परवाह नहीं है। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। बेदी ने रामलीला मैदान के मंच से अभिनय कर बताया था कि नेता मुखौटा ओढ़े रहते हैं और कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ की बातें करते रहते हैं। उनके इस 'अभिनय' और बयान के लिए कई सांसदों ने सदन में विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है। किरण बेदी ने अपनी बेटियों को गलत तरीके से एडमिशन दिलाए जाने के आरोपों का भी जवाब दिया।
गंदी राजनीति नहीं करे सरकार
उधर, अमर सिंह से कथित बातचीत की सीडी मामले में फंसे प्रशांत भूषण ने भी सफाई दी और कहा कि फोरेंसिंक जांच में सीडी पहले ही फर्जी साबित हो चुकी है। उन्होंने सरकार पर गड़े मुर्दे उखाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लागू किए गए सूचना का अधिकार कानून का ड्राफ्टिंग कर अरविंद केजरीवाल ने अहम काम किया था। ऐसे में सरकार की ओर से इन्हें परेशान किए जाने की बात समझ नहीं आती।
पहले अन्ना हजारे पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने हमला बोला, फिर शांति भूषण की सीडी पर क्लोजर रिपोर्ट सामने आई। इस तरह सरकार फिर से गंदी हरकतें करने लगी है। सरकार ने अभी कोई सबक नहीं सीखा है। वो हमारे खिलाफ अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सरकार को जनलोकपाल बिल से लड़ना है तो मुद्दे पर बहस करें, गंदी राजनीति क्यों कर रहे हैं।’ भूषण ने कहा कि ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ को वर्ल्ड बैंक से फंडिंग के आरोप गलत हैं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 सितंबर 2011
केजरीवाल का जवाब- बदला ले रही सरकार, बेदी बोलीं- मुझे नोटिस का डर नहीं
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