सबसे महंगी यानी 3.15 लाख की पिस्तौल पूर्व सांसद अतीक अहमद ने खरीदी थी। अतीक 35 आपराधिक मामलों में जेल में बंद है। इनमें कई हत्या के भी मामले शामिल हैं। जेल में बंद सुरेश कलमाडी ने भी सरकार से ही हथियार खरीदे हैं। इनके साथ कई मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री इस होड़ में शामिल रहे हैं। ’
90 के दशक के शुरू में आर्मीनियस रिवॉल्वर पसंद की जाती थी। वहीं दशक के अंत में इसकी जगह वेब्ली रिवॉल्वर ने ले ली। हालांकि पिछले दशक में .22 बोर रिवॉल्वर और 7.65 वॉल्दर पिस्टल की मांग बढ़ गई। यह जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद को आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली।
हथियार बेचने के नियम
वित्त मंत्रालय द्वारा जुलाई में जारी सर्कुलर के अनुसार :
> जब्त किए गए हथियार पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर बेचे जा सकते हैं।
> यह लिखित में देना जरूरी है कि यह हथियार खरीदने वाले के पास पहले से कोई हथियार नहीं है।
> इन हथियारों को विभाग के अधिकारियों को लीज पर दिया जा सकता है। लेकिन सांसदों को लीज पर दिए हथियारों की अवधि 10 साल से ज्यादा नहीं हो सकती।
> हथियार के गुम या चोरी हो जाने पर दोबारा हथियार दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि आरटीआई की सूची में वर्ष 1986 से 2000 के बीच कई सांसदों के नाम दो बार से ज्यादा सामने आए है।
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