नई दिल्ली. सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम 3 रुपए लीटर तक बढ़ा दिए हैं। बढ़ी कीमतें आज आधी रात से लागू हो जाएंगी। तेल कंपनियों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए के दो वर्ष के न्यूनतम स्तर तक पहुंचने से इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल की कच्चा तेल आयात करने की लागत बढ़ गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप घरेलू कीमतों में स्थानीय कर सहित सहित 3 रुपए लीटर तक बढ़ाए जाने की जरूरत बताई थी। उन्होंने कहा कि तीनों सरकारी तेल कंपनियों को लागत से कम कीमत पर पेट्रोल बेचने के कारण प्रति लीटर 2.61 रुपए या रोज 15 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में अब तक 2,450 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मौजूदा दरों पर पेट्रोल बेचने से उन्हें इस वित्त वर्ष में और 2,850 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इस तरह उन्हें पूरे वित्त वर्ष में 5,300 करोड़ रुपए का घाटा होगा। गत वर्ष जून में सरकार पेट्रोल की कीमत नियंत्रणमुक्त कर चुकी हैं।
घरेलू गैस भी हो सकती है महंगी
तेल कंपनियों के घाटे पर चर्चा के लिए मंत्री समूह की बैठक शुक्रवार को होगी। बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी करेंगे। इस बैठक में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर से सब्सिडी हटाने का मसला भी साफ हो जाएगा। इस बैठक में यह तय होने की उम्मीद है कि मेट्रो शहरों में एक परिवार को साल में सब्सिडी वाले कितने सिलेंडर दिए जाएं।
क्या है प्रस्ताव
एक परिवार को साल में अधिक से अधिक चार से छह सिलेंडर सब्सिडी पर मुहैया कराने का प्रस्ताव है। इसके बाद जो भी सिलेंडर दिए जाएं उसकी पूरी कीमत ग्राहकों से ली जाए। जिन लोगों के पास कार अथवा दोपहिया वाहन या अपना घर हो या फिर उनका नाम आयकरदाताओं की सूची में शामिल हैं, ऐसे लोगों को रियायती दर पर रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति सीमित की जानी चाहिए।
बैठक में इस बाबत कोई फैसला होता है तो ग्राहकों को अतिरिक्त सिलेंडरों के लिए 395 रुपए की जगह ६६२ रुपए देने पड़ेंगे। फिलहाल सरकार रसोई गैस सिलेंडर पर २६७ रुपए की सब्सिडी दे रही है।
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