भोपाल. भोपाल एक्सप्रेस में सवार होकर गुरुवार सुबह भोपाल पहुंचे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र और लोकसभा सदस्य संदीप दीक्षित की सीट से नोटों से भरा बैग बरामद किया गया। संदीप दीक्षित परिवार समेत रेलगाड़ी की बोगी संख्या एच-1 में यात्रा कर रहे थे।
आरपीएफ मामले की जांच कर रहा है।
पुलिस के अनुसार दीक्षित बुधवार शाम को दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से भोपाल एक्सप्रेस में सवार हुए थे। यह रेलगाड़ी गुरुवार सुबह यहां लगभग 7.20 बजे पहुंची।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) सूत्नों के अनुसार हजरत निजामुद्दीन से यहां हबीबगंज स्टेशन पहुंची भोपाल एक्सप्रेस के डिब्बों की सफाई का काम चल रहा था। तभी अचानक एसी फस्र्ट कोच के एक कूपे से नोटों की गिड्डियां मिलीं। बताया गया है कि यह दस लाख रूपए थे।
सूचना मिलते ही रेलवे अमला और आरपीएफ तुरंत सक्रिय हो गया। जहां से नोट मिले,वह कूपा दीक्षित और उनकी पत्नी के नाम पर आरक्षित था।
नोट आरपीएफ ने अपने कब्जे में ले लिए हैं।
इस संबंध में दीक्षित ने मीडिया से कहा कि यह नोट उनके एक मित्न के थे,जो ट्रेन के अन्य कोच में यात्ना कर रहे थे। उन्होंने रूपए सुरक्षा की दृष्टि से रात्नि में उनके पास रख दिए थे और सुबह वह इन नोटों को अपने साथ ले जाना भूल गए।
संदीप दीक्षित ने बताया कि उन्होंने अपने मित्र की मदद रूपए की सुरक्षा के लिहाज से की थी और वह आगे भी अपने दोस्तों की मदद करते रहेंगे। और जहां तक बैग में मिले रुपयों का सवाल है तो इसके लिए उनके दोस्त इसका उचित जवाब देंगे।
उधर दीक्षित के दोस्त माथुर ने भी पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यह बैग उनका ही है चूंकि वह एसी-2 में सफ़र कर रहे थे और संदीप दीक्षित कूपे में थे, इसलिए उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वह बैग को अपने पास रख लें।
सुबह जब ट्रेन भोपाल पहुंची तो उन्हें लगा कि संदीप ने बैग अपने साथ उतार लिए होंगे। पर उन्हें एक घंटे बाद पता चला कि संदीप वह बैग उतारना भूल गए हैं। बाद में स्टेशन जाकर पता चला कि बैग को एक सफाई कर्मचारी ने पुलिस को सौंप दिए हैं।
जयेश ने बताया कि उन्हें अपने रूपए वापस लेने में लम्बी क़ानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा और अब कोर्ट से उन्हें अपने रूपए वापस लेने होंगे।
जयेश ने बताया कि वह यह रूपए भोपाल में रहने वाले अपने सेवानिवृत्त पिता के लिए एक फ्लैट खरीदने के उद्देश्य से साथ लाए थे।
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के पुलिस अधीक्षक ऐ.के. अरजरिया ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच आरपीएफ को सौंप दी गई है।
उधर दिल्ली के वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश मुखी ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी रकम का ट्रेन में लावारिस हालत में मिलना संदेह पैदा करता है,लिहाजा इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 सितंबर 2011
सांसद संदीप दीक्षित की सीट से मिले 10 लाख रुपये, जांच शुरू
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