जानकारी के अनुसार गरीब नवाज का 800 वां उर्स अगले साल 23 या 24 मई से शुरू होगा। योजना के तहत प्रस्तावित कामों में ड्रेनेज सिस्टम डवलपमेंट, सीवरेज सिस्टम डवलपमेंट, इलेक्ट्रिक वायरिंग, सड़कों को चौड़ा किया जाना, दरगाह के चारों ओर कॉरीडोर निर्माण, दरगाह के दरवाजों का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यकरण, दरगाह के भीतर और बाहर अतिक्रमणों को हटाना, विश्राम स्थलियों पर बड़े निर्माण, शहर में पार्किंग हब बनाना, शौचालयों व जूता संग्रहण केंद्रों का निर्माण किया जाना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि उर्स के शुरू होने में शेष रहे 235 दिनों में से सरकारी प्रक्रिया पूरी होने में ही 40 से 60 दिन का समय लग जाएगा। टेंडर और अन्य औपचारिकताओं के बाद ही बड़े स्तर के काम शुरू हो पाएंगे। विशेषज्ञों की राय में नया निर्माण जितना आसान होता है उतना ही मुश्किल किसी भी बसे-बसाए शहर में तोडफ़ोड़ कर उसका पुनर्निमाण करना।
मौजूदा प्लान में दरगाह को जाने वाले मार्ग को देहली गेट से धानमंडी तक दुकानों का अधिग्रहण कर उसे चौड़ा किया जाना है। इसी तरह कॉरीडोर के निर्माण के लिए भी दुकानों का अधिग्रहण किया जाना है। हालात तो यह है कि प्रशासन इनमें से बहुत से कामों की तो आम सहमति ही नहीं बना सका है।
मुख्य शासन सचिव एस अहमद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अल्पसंख्यक मामलात के सचिव, यूडीएच सचिव, पीडीकोर के अधिकारी एवं दरगाह कमेटी के सदस्य इलियास कादरी सहित योजना से जुड़े प्रमुख अधिकारी व अन्य लोग उपस्थित थे।
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