नई दिल्ली.  'नोट के बदले वोट' मामले में राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के पूर्व  महासचिव अमर सिंह पर शिकंजा कस गया है। दिल्ली की एक अदालत ने अमर सिंह की  जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का  हुक्म दिया। इस मामले में अमर सिंह के साथ दो अन्य अभियुक्तों बीजेपी के  पूर्व सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर सिंह भगोरा को भी न्यायिक  हिरासत में भेजा गया है। कोर्ट ने इन अभियुक्तों से कहा है कि वो चाहें तो  19 सितंबर को नियमित जमानत की अर्जी दाखिल कर सकते हैं। वैसे अमर सिंह की  अंतरिम जमानत पर 8 सितंबर को सुनवाई होगी।
चूंकि अदालत ने 19  सितंबर को इन अभियुक्तों को बेल के लिए आवेदन करने को कहा है, ऐसे में अमर  सिंह को 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ सकता है। उनके वकील 19  सितंबर को ही जमानत अर्जी दायर कर सकते हैं। इस तरह ‘नोट के बदले वोट कांड’  में अब तक पांच गिरफ्तारियां हो गई हैं। पहली गिरफ्तारी संजीव सक्सेना की  हुई थी जिस पर अमर सिंह के घर से एक करोड़ रुपये भाजपा के दो सांसदों के  घर पहुंचाने का आरोप है। सक्सेना पर आरोप है कि उसने उस दिन अमर सिंह के  घर पर कई बार फोन किया और इन पैसों को दोनों सांसदों तक पहुंचाने के लिए  अमर सिंह की कार का इस्तेमाल किया। दूसरी गिरफ्तारी बिचौलिए सुहैल  हिंदुस्तानी की थी।
इससे पहले अदालत के कड़े रुख के बाद अमर सिंह को कोर्ट में पेश होना पड़ा । तीस  हजारी कोर्ट में पेश हुए अमर सिंह ने कहा, ‘मैं कमजोर हूं, छिपने की  कोशिश नहीं कर रहा था। टीवी पर मैंने जो कुछ देखा, उसे देखकर बेहद व्यथित  हुआ। इसके बाद मैंने फैसला किया कि अब मुझे कोर्ट में पेश होना चाहिए। मुझे  गंभीर इंफेक्शन है। मुझे इलाज के लिए हर तीन महीने पर विदेश जाना पड़ता  है।’
इससे पहले अमर के वकील ने अपने मुवक्किल की तबियत का हवाला  देकर कोर्ट में पेशी से छूट मांगी थी। हालांकि इस पर कोर्ट ने अमर सिंह से  सभी मेडिकल रिकॉर्ड मांगे। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई है।  अदालत ने पुलिस से पूछा कि अब तक अमर सिंह को इस मामले में गिरफ्तार क्यों  नहीं किया गया।
विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने आज मामले  की सुनवाई करते हुए पहले इसे दोपहर तक के लिए टाल दिया। वकील असगर खान ने  बताया कि उनके मुवक्किल की तबियत खराब है इसलिए वो कोर्ट में निजी तौर पर  उपस्थित नहीं हो सकते।  कोर्ट ने इस मामले में अमर सिंह से मेडिकल रिपोर्ट  मांगी। अमर के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल का गुर्दा  प्रत्यारोपित हुआ है। जब कोर्ट ने पूछा कि यह कब हुआ तो वकील का जवाब था  कि करीब साल भर पहले। इस पर अदालत संतुष्ट नहीं हुआ और बेल के लिए अमर की  इस बीमारी को कोई आधार नहीं मानते हुए अर्जी खारिज कर दी।
दरअसल में टीवी रिपोर्ट के मुताबिक अमर सिंह ने हाल में मुंबई स्थित लालबाग के राजा के पंडाल गए थे। ऐसे में जब अमर के वकील 19 सितंबर को बेल के लिए अर्जी दायर करेंगे तो यह सवाल उठ सकता है कि यदि अमर को ‘गंभीर बीमारी’ है तो वो किस तरह मुंबई चले गए और भीड़ भाड़ वाले गणपति मंडप में पूजा अर्चना की।
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी  भी अदालत में पेश नहीं हुए। वे इनदिनों अमेरिका में हैं। कुलकर्णी ने भी  कोर्ट में पेश होने से छूट मांगी है। 
2008 में विश्वास मत के  दौरान संसद में नोट की गड्डियां उछाली गई थीं। बीजेपी के सांसदों को आरोप  था उन्हें घूस देकर यूपीए के पक्ष में वोट देने को कहा गया है। इस घटना के  कारण संसद में भारी हंगामा हुआ था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र  दाखिल किया है। विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने 25 अगस्त को अमर  सिंह, बीजेपी के पूर्व सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, महावीर भगोरा और सुधींद्र  कुलकर्णी को समन जारी किया था। दिल्ली पुलिस की दलील को स्वीकार करते हुए  न्यायाधीश ने आरोपियों को समन भेजकर छह सितम्बर को अदालत में पेश होने को  कहा था।
 

  
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