आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

27 सितंबर 2011

16 साल बाद मिला ओंकारनाथ को परिवार का साथ

Comment
अजमेर.चित्तौड़गढ़ जिले के दुगार पंचायत के देवीपुरा गांव निवासी ओंकारनाथ को आखिरकार 16 साल बाद परिवार का साथ मिल गया।

वर्षो तक जंजीरों में जकड़े मानसिक रोगी ओंकारनाथ की 29 अक्टूबर 2010 को ‘ खबर प्रकाशित होने के बाद स्थानीय जिला प्रशासन हरकत में आया।

मानसिक रोगी ओंकारनाथ को प्रशासन के सहयोग से भरतपुर की अपना घर संस्था में भेज दिया गया था। संस्था द्वारा उसके उपचार की व्यवस्था की गई। जहां से ठीक होने के बाद वह अपने परिवार के साथ रहने लगा है।

मदन नाथ ने बताया कि ओंकार मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। करीब 16 साल पहले वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा। इलाज पर बढ़ते खर्च से परिवार पर आर्थिक भार पड़ने लगा।

ओंकार दिमागी संतुलन खोने की वजह से वह आक्रामक हो गया। उस पर नियंत्रण करने के लिए उसे जंजीरों से बांध दिया गया। मदन ने कहा कि ओंकार की पत्नी अपने बच्चों को साथ लेकर पीहर चली गई।

उसकी देखभाल का सारा जिम्मा उस पर आ गया। उदयपुर भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद चित्तौड़गढ़ कलेक्टर रविकुमार जैन की पहल पर ओंकार को भरतपुर की अपना घर संस्था में भेजा गया।

इलाज के बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। अपना घर संस्था के संस्थापक डॉ. बीएस भारद्वाज ने बताया कि पांच साल तक ओंकार का इलाज चलेगा। इलाज का सारा खर्चा संस्था वहन करेगी।

लौटी परिवार की खुशी

लंबे समय बाद ओंकार के परिवार में खुशी लौट आई। ओंकार ने बताया कि पत्नी व बच्चे भी उसके पास आ गए हैं। परिवार को अपने पास पाकर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है। अब वह जिंदगी नए सिरे से शुरू करना चाहता है।

मेहनत मजदूरी कर परिवार व बच्चों का पालन पोषण करना चाहता है। उसने बताया कि उसकी बीमारी की वजह से परिवार को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। परिवार को वह खुशी देना चाहता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...