नीम्स(फ्रांस). फ्रांस और केन्या में सोमवार को हुए दो हादसों में 121 लोगों की मौत हो गई। फ्रांस में जहां एक परमाणु संयंत्र में विस्फोट हो गया, वहीं केन्या में तेल पाइपलाइन में आग लग गई।
केन्या की राजधानी नैरोबी में एक तेल पाइपलाइन फटने से 120 से अधिक लोग मारे गए। घटना नैरोबी के लुंगा लुंगा औद्योगिक इलाके की है। स्थानीय निवासी जोसेफ म्वेगो ने बताया, ‘पाइपलाइन में रिसाव के बाद लोग तेल जमा करने के लिए जुट गए। इसके बाद पाइपलाइन में विस्फोट के चलते आग लग गई। इसकी चपेट में आकर लोग मारे गए।' कई लोग जिंदा जल गए, जबकि कई की मृत्यु अस्पताल में हुई। 2009 में भी पश्चिमी केन्या में एक टैंकर के पलटने के बाद इसी तरह ईधन बटोरने में लगे 122 लोगों की जलकर मौत हो गयी थी.
फ्रांस में परमाणु सुरक्षा पर सवाल
उधर, दक्षिणी फ्रांस के मार्कूल परमाणु संयंत्र में धमाके के बाद रेडियोएक्टिव पदार्थ के लीक होने की आशंका बढ़ गई है। इस धमाके में 1 कर्मचारी की मौत हो गई और 4 लोग घायल हो गए हैं। धमाके की चपेट में आए लोगों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है। ब्लास्ट से रेडिएशन फैलने का खतरा पैदा हो गया है, हालांकि अभी तक ऐसा होने की खबर नहीं है।
जानकारी के मुताबिक ब्लास्ट प्लांट के ओवन में हुआ, जिसकी चपेट में वहां के कर्मचारी आ गए। मार्कूल प्लांट फ्रांस के दक्षिण में लैंगडॉक रूजीलन इलाके में भूमध्य सागर के नजदीक मौजूद है। इससे पहले जुलाई में भी एक परमाणु प्लांट में विस्फोट के बाद आग लग गई थी। ऐसे में ताजा घटना फ्रांस में परमाणु प्लांटों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
सोमवार को हादसा कचरा स्टोर करने वाली जगह पर हुआ। प्लांट के जिस हिस्से में विस्फोट हुआ उसमें फ्रांस की ईडीएफ इलेक्ट्रिसिटी कंपनी की सहायक कंपनी परमाणु कचरे का शोधन करती है। इस संयंत्र का इस्तेमाल फ्रांस की कंपनी अरेवा एमओएक्स ईंधन के उत्पादन के लिए करती है। एमओएक्स ईंधन परमाणु हथियारों से प्लूटोनियम की रीसाइकिलिंग करता है। संयंत्र के सेंट्रेको न्यूक्लियर वेस्ट ट्रीटमेंट सेंटर में यह धमाका हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अभी संयंत्र से बाहर किसी तरह का खतरा नहीं है।
पिछले साल दिसंबर में हुई फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु संयंत्रों को स्थापित करने को लेकर सहमति बनी थी। इस समझौते के तहत भारत में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अरेवा को भारत में दो परमाणु संयंत्र बनाने का ठेका दिया गया था। यह समझौता 9.3 अरब अमेरिकी डॉलर में हुआ था।
जुलाई में भी हो चुका है हादसा
फ्रांस में इसी साल जुलाई महीने में रोन घाटी के ड्रोम में मौजूद एक अन्य परमाणु प्लांट ट्राइकास्टिन में विस्फोट के बाद आग लग गई थी । यह घटना परमाणु प्लांट की जांच के दो दिन बाद ही हुई थी। जांच में प्लांट में सुरक्षा संबंधी 32 कमियां सामने आई थीं। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। इस प्लांट को चलाने वाली कंपनी ईडीएफ ने जानकारी दी थी कि यह हादसा प्लांट के उस हिस्से में हुआ था, जहां गैर ऐटमी काम होते हैं।
फ्रांस में 58 न्यूक्लियर रिएक्टर हैं। वहां खपत होने वाली बिजली का 74 फीसदी परमाणु स्रोतों से आता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)