हुंकार के विनीत कुमार को जन्म दिन पर मुबारकबाद ..अप उनके बारे में जानिये उन्हीं की आप कुबुली .
आपक़बूली
- विनीत कुमार
- टेलीविजन का एक कट्टर दर्शक, कुछ भी दिखाओगे जरुर देखेंगे। ये टेलीविजन के प्रति कट्टरता ही कहिए कि बिना मीडिया कोर्स किए प्रिंट में सुविधाजनक नौकरी के कई ऑफर मिले और उसे ठुकराते हुए मीडिया कोर्स किया। देश के सबसे तेज कहे जानेवाले चैनल में मुफ्त में काम किया( मुफ्त में ट्रेनिंग ली)और सालभर तक एक चैनल की नौकरी बजायी। अब इस कट्टरता को लेकर इसके उपर डीयू से पीएच।डी कर रहा हूं। एम।फिल् में एफएम चैनलों की भाषा पर काम करने पर लोगों ने मुझे ससुरा बाजेवाला कहना शुरु कर दिया था,इस प्रसंग की नोटिस इंडियन एक्सप्रेस ने ली और प्रकाशित किया। रेडियो हो या फिर टीवी सिर्फ सूचना,मनोरंजन औऱ टाइमपास की चीज नहीं है,ये हमारे फैसले को बार-बार बदलने की कोशिश करते हैं,हमारी-आपकी निजी जिंदगी में इसकी खास दख़ल है। एक नयी संस्कृति रचते हैं जो न तो परंपरा का हिस्सा है और न ही विरासत में हासिल नजरियों का। आए दिन बदल जानेवाली एक सोच। इसलिए अखबारों के एडीटोरियल पन्ने पर टीवी नहीं देखने वाले इंटल बाबाओं के टीवी औऱ मीडिया पर लेख पढ़ने के बजाय जमकर टीवी देखना ज्यादा जरुरी समझता हूं। फिर कच्चे-पक्के ही सही अपनी राय बनाता हूं। बाबाओं की तरह टीवी को संस्कृति का शाश्वत दुश्मन मानने के बजाय एक कल्चरल टेक्टस् के तौर पर समेटने,सहेजने और उस पर सोचने की कोशिश करता हूं। विनीत कुमार जी अपनी ब्लोगिंग से सभी ब्लोगर्स को हिंदी सिखा रहे है तो हिंदी टाइपिंग और हिंदी शब्द कोष का ज्ञान भी करा रहे हैं ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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