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02 अगस्त 2011

सांप को मारने के बाद उसके पेट से निकली थी चमत्कारी 'तलवार

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कूसानागी-नो-सूरूगी जापान की एक प्राचीन और मशहूर तलवार है। इसको लेकर वहां एक पौराणिक कथा मशहूर है। प्राचीन ग्रंथ कोजिकी के अनुसार जापानी देवता सूसानू का सामना धरती के देवताओं के एक दु:खी परिवार कूनित्सूकामी से हुआ। परिवार के मुखिया अशिनाज़ूची कोसी नदी में रहने वाले आठ मुंह के सांप यामाटा-नो-ओरूची से बहुत परेशान थे, क्योंकि सांप उनकी सात बेटियों को खा चुका था और अब आठवीं बेटी कुशिनादा को भी खाने की तैयारी में था।
सूसानू ने मामले की जांच की और सांप से एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद उसे खत्म करने की योजना बनाई। इसके बदले में उन्होंने अशिनाज़ूची से कुशिनादा का हाथ मांगा। उनकी शर्त मान ली गई। सांप को मारने के बाद उसके पेट से यही तलवार निकली थी। ये तलवार देवी एमाटेरासू को अपना पुराना गम भुलाने के लिए दी गई। कई पीढ़ियों बाद एक योद्धा यामाटो टाकेरू को ये तलवार दी गई।
एक बार यामाटो पर हमला हुआ और इस दौरान उसे पता चला कि ये तलवार हवाओं की दिशा बदल सकती है। वह इस तलवार की वजह से बच गया। वक्त गुजरा और यामाटो की शादी हो गई। फिर एक बार उनका राक्षसों से युद्ध हुआ। पत्नी के कहने पर भी वे ये तलवार लेकर नहीं गए और मारे गए। इस तलवार से जुड़ी और भी कहानियां हैं। फिर भी कोजिकी को इतिहास नहीं माना जाता है, इसलिए दावे से कुछ नहीं कह सकते। कहते हैं ये तलवार अत्सूता मंदिर में रखी है लेकिन लोगों को ये नहीं दिखाई जाती, इसलिए ये एक राज़ ही माना जाता है।
राज़ है गहरा
जापान की पौराणिक कथा कोजिकी में कूसानागी-नो-सूरूगी तलवार की कहानी है। कहते हैं इस तलवार से ही देवता सूसानू ने आठ मुंह वाले सांप को मारा था। फिर भी ये किताब ऐतिहासिक तौर पर प्रमाणित नहीं होने से ये साबित नहीं होता।

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