बिसेन ने 27 जुलाई को सिवनी जिले के केवलारी में पटवारी देवेंद्र मर्सकोले को सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक लगाने की सजा दी थी। यहीं उन्होंने एसडीएम एसआर पंडा को भ्रष्टाचारी कह कर लताड़ लगाई थी। सिवनी जिला प्रशासन ने अब तक इन दोनों को न तो कोई नोटिस दिया और न ही इनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई।
मर्सकोले तो गुरुवार को पटवारी संघ की बैठक में भाग लेने भोपाल आए थे। हालांकि बिसेन ने यह कहा था कि वह कलेक्टर को निर्देश देंगे कि पटवारियों से यह शपथ-पत्र लिया जाए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार जैसा कोई काम नहीं किया है। अगले दिन यानी 28 जुलाई को बिसेन ने होशंगाबाद में एक कार्यक्रम में अपने विभाग के अधीन जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक आरके दुबे को तत्काल हटाने की घोषणा की थी।
अब सीडी को लेकर बिसेन चर्चा में
सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन अब एक सीडी के कारण नई मुसीबत मे फंसते दिखाई दे रहे हैं। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि इस सीडी में बिसेन आईएएस और आईपीएस अफसरों को लेकर टिप्पणी करते दिखाए गए हैं। इससे दोनों कॉडर के अधिकारी बिसेन के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। समझा जाता है कि अब इस कैडर के अधिकारी भी बिसेन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं।
बिसेन ने संयुक्त पंजीयक आरएस अहिरवार को शहडोल तबादले पर स्टे वापस लेने को कहा था। अहिरवार ने इसके लिए न्यायालय में आवेदन दे दिया है, लेकिन अभी निर्णय नहीं होने से वे भी होशंगाबाद में ही पदस्थ हैं।
यह है घटनाक्रम
> छिंदवाड़ा में जिला योजना समिति की बैठक में कहा-आदिवासियों में समझ नहीं होती।
> केवलारी में पटवारी को उठक-बैठक लगवाई और एसडीएम को भ्रष्टाचारी कहा।
> होशंगाबाद में सहकारिता विभाग के दो अफसरों और जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को फटकार लगाई और 24 घंटे में रिलीव होने को कहा।
> मंत्री के व्यवहार से नाराज होकर पटवारी हड़ताल पर चले गए।
> राज्य प्रशासनिक सेवा संघ और राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उनके पक्ष में आए।
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