पढ़ाने से जी चुराने वाले शिक्षकों पर मुख्यमंत्री ने उतारा गुस्सा। कहा, पेशे को बदनाम करते हैं ऐसे शिक्षक।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बच्चों को पढ़ाने से जी चुराने वालों पर गुस्सा होकर कहा कि कई ऐसे शिक्षक हैं जो क्लास नहीं लेने में ही गर्व महसूस करते हैं। ऐसे तत्व पूरे पेशे को बदनाम करते हैं। उन्हें एक ऐसे शिक्षक की भी जानकारी है जो गर्व से यह कहना नहीं भूलता कि पिछले 28 साल से उसने एक भी क्लास नहीं ली। यह स्थिति पूरे समाज के लिए चिंताजनक है।
शिक्षा संकुल परिसर में राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को इस नोबल प्रोफेशन को पूरी ईमानदारी के साथ जीना चाहिए। क्लास नहीं लेने वाले शिक्षक बच्चे के साथ ही खुद का भी अहित करते हैं। गहलोत ने निजी स्कूलों के दबदबे पर कहा कि वहां अमीरों के लिए पढ़ाई आसान है। एक गरीब बेहतर ढंग से इन स्कूलों में पढ़ सके इसीलिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम में 25 प्रतिशत सीटें रिजर्व रखी गई हैं। अगले साल से इन सीटों पर हर हाल में प्रवेश सुनिश्चित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर संस्थाएं आजकल सरकार पर निर्भर रहती हैं, ऐसे में अपने बूते आगे बढऩे वाले राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड की जितनी भी सराहना की जाए, कम है। केरल की तरह शिक्षा क्षेत्र में राजस्थान को ले जाने का सपना तभी पूरा हो सकता है जब सरकार के साथ ही आमजनता इस काम में उनका साथ दे। उन्होंने प्रदेश में शिक्षकों की कमी जल्द दूर करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि 40 हजार शिक्षकों के साथ ही 25 हजार सैकंड ग्रेड शिक्षकों की अलग से भर्ती की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में पर्याप्त शिक्षक लगा दिए जाएंगे, ताकि तबादलों के लिए चक्कर काटने का खेल ही खत्म हो जाए।
तबादला नीति पर जल्द लगेगी केबिनेट की मुहर : शिक्षामंत्री
शिक्षामंत्री मास्टर भंवरलाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश में तबादलों को एक नियमित प्रक्रिया से पूरा करने के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है। अधिकारियों को इस नीति को जल्द अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए हैं। नीति पर जल्द ही केबिनेट की मुहर लगेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के नए भवन पर 4.60 करोड़ रुपए खर्च होंगे और यह 11 माह में तैयार करने की योजना है। मेघवाल ने बताया कि प्रदेश में 12 लाख में से करीब सवा सात लाख ड्रॉप आउट बच्चों का नामांकन कर लिया गया है। यह अभियान वर्षभर चलेगा।
शिक्षा राज्यमंत्री का नहीं आना रहा चर्चा का विषय:
समारोह में शिक्षाराज्य मंत्री मांगीलाल गरासिया का नहीं आना चर्चा का विषय रहा। पांडाल में यह कयास लगाए जाते रहे कि कहीं शिक्षा मंत्री और उनके बीच नए सिरे से कोई विवाद तो पैदा नहीं हो गया। हालांकि मुख्यमंत्री की मौजूदगी के चलते कुछ लोगों ने इस अंदेशे को निराधार बताया।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 अगस्त 2011
क्लास नहीं लेने में गर्व महसूस करते हैं शिक्षक : गहलोत
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
your witting cum information is precious and admirable ,what says some -one that should be listen , simultaneously one who grazing except saying with hope . Good , commendable .
जवाब देंहटाएं