आपका-अख्तर खान

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27 अगस्त 2011

फर्क केसा केसा ..........

सभी इंसान हैं
मागर फर्क
सिर्फ इतना है ॥
कुछ जख्म देते हैं
कुछ जख्म भरते हैं ।
हम सफ़र सभी हैं
लेकिन फर्क
सिर्फ इतना है
कुछ साथ देते हैं
कुछ साथ छोड़ जाते हैं ....
प्यार सभी करते हैं
लेकिन फर्क सिर्फ इतना है
कुछ जान देते हैं
कुछ जान ले लेते हैं ।
दोस्ती सभी करते हैं
लेकिन फर्क सिर्फ इतना है
कुछ लोग निभाते हैं
कुछ लोग आजमाते हैं
और कुछ लोग यूँही
मंझधार में छोड़ जाते हैं ......
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. लोग कहते रहे हैं कि मनमोहन जी एक ईमानदार आदमी हैं।

    ये कहीं के ईमानदार नहीं हैं।

    हमारे प्रधानमंत्री एक कमज़ोर और अक्षम प्रधानमंत्री हैं।

    इन्हें सोनिया जी ने इस कुर्सी पर इस लिए बैठा दिया है कि जगह ख़ाली न रहे और जब राहुल जी पूरी फ़ॉर्म में आ जाए तो इन्हें आर्डर देकर हटाया जा सके। कोई लायक़ प्रधानमंत्री होगा तो सीट हमेशा के लिए चली जाएगी ख़ानदान के हाथ से। एक डमी के रोल में हैं पीएम साहब।

    जो आदमी पूरे देश के साथ पीएम होने की एक्टिंग कर रहा हो , वह कैसा ईमानदार ?

    जवाब देंहटाएं
  2. अपवाद सब जगह होते हैं ,अच्छी रचना

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही गहन संवेदना । सोच की सभी तारों को छू गई।
    सभी इंसान हैं
    मागर फर्क
    सिर्फ इतना है ॥
    कुछ जख्म देते हैं
    कुछ जख्म भरते हैं ।

    क्‍या बात क्‍या खूब कहा ।
    हाद्धिक बधाई

    जवाब देंहटाएं

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