भ्रष्टाचार पर निगरानी के लिए मजबूत लोकपाल लाने की मुहिम में जुटे अन्ना हजारे को न्यायपालिका से भी बड़ा समर्थन मिला है। सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा जज ने सार्वजनिक रूप से टीम अन्ना की इस दलील का समर्थन किया है कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को भी लाना चाहिए। जस्टिस ए.के. गांगुली ने एक कार्यक्रम में कहा कि इस बात में कोई दम ही नहीं है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाए।
जस्टिस गांगुली 2जी स्कैम की जांच पर नजर रखने के लिए बनाए गए पैनल के भी सदस्य हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार निषेध कानून की भी आलोचना की और कहा कि इस कानून में भ्रष्टाचारियों की सुरक्षा का इंतजाम किया गया है। उन्होंने कहा, 'जब तक मंजूरी नहीं मिले तब तक आप किसी भ्रष्ट व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते। पर मंजूरी देगा कौन? कार्रवाई करने के अनुरोध को या तो ठुकरा दिया जाता है या दबा कर रखा जाता है।'
मुंबई में लोगों को खाना मुहैया कराने वाले डब्बावालों ने 16 अगस्त को अपनी सेवा बंद रख कर अन्ना हजारे को समर्थन देने का ऐलान किया है। डब्बावाले मुंबई में रोज 2 लाख लोगों को खाना पहुंचाते हैं। लेकिन उस दिन अन्ना के अनशन को समर्थन देने के लिए उन्होंने खाना नहीं पहुंचाने का फैसला किया है
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