गणेश स्थापना व पूजा के मुहूर्त
गुरुवार-(मुहूर्त चौघड़िया अनुसार)
सुबह 6.00 से 7.30, शुभ,
सुबह 10.30 से 12.00, चर,
दोपहर 12.00 से 1.30, लाभ
दोपहर 1.30 से 3.00 अमृत
शाम 4.30 से 6.00 शुभ
शाम 6.30 से .9.00 लाभ, अमृत
श्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 12 से 1.30 व शाम 6 से 7.30 तक।
वक्रतुंड
अर्थ : मुड़ी हुई सूंड वाले। इनका वाहन सिंह है। यह ईष्र्या, जलनरूपी राक्षस (मत्सरासुर) को मारते हैं।
एकदंत
अर्थ : एक दांत वाले। परशुराम जी से युद्ध में एक दांत टूटा। यह नशारूपी राक्षस (मदासुर) को मारते हैं।
महोदर
अर्थ : बड़े पेट वाले। इनका वाहन मूषक है। यह मोहरूपी राक्षस (मोहासुर) का विनाश करने वाले हैं।
गजानन
अर्थ : हाथी के जैसे मुखवाले। इनका वाहन मूषक है। यह लालचरूपी राक्षस (लोभासुर) को मारने वाले हैं।
लंबोदर
अर्थ : लंबे पेटवाले। इनका वाहन भी मूषक है। यह क्रोधरूपी राक्षस (क्रोधासुर) का नाश करते हैं।
विकट
अर्थ : भयंकर। दुष्टों के संहार के लिए यह रूप लिया। वाहन मयूर है। कामरूपी राक्षस (कामासुर) का संहार करते हैं।
विघ्नराज
अर्थ : विघ्नों का नाश करने वाले। यह ममतारूपी राक्षस (मैं होने का भाव) के नाशक हैं। इनका वाहन शेषनाग है।
धूम्रवर्ण
अर्थ : धुएं के रंगवाले। इनका वाहन मूषक है। यह अभिमान रूपी राक्षस (अभिमानासुर) को मारने वाले हैं।
गणेश स्थापना व पूजा के मुहूर्त
जवाब देंहटाएंगुरुवार-(मुहूर्त चौघड़िया अनुसार)
सुबह 6.00 से 7.30, शुभ,
सुबह 10.30 से 12.00, चर,
दोपहर 12.00 से 1.30, लाभ
दोपहर 1.30 से 3.00 अमृत
शाम 4.30 से 6.00 शुभ
शाम 6.30 से .9.00 लाभ, अमृत
श्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 12 से 1.30 व शाम 6 से 7.30 तक।
बहुत अच्छी जानकारी मिली
आपको गणेश उत्सव की हार्दिक शुभकामनायें!!