नई दिल्ली. मजबूत लोकपाल के लिए पांच दिन से अनशन कर रहे अन्ना हजारे और उनकी टीम ने शनिवार को तेवर और कड़े कर लिए। हजारे ने जहां मंगलवार को सरकार से संसद में जन लोकपाल बिल पेश करने की मांग रखी, वहीं टीम अन्ना ने समर्थकों से अपील की कि जनता अपने-अपने सांसद के घर के बाहर धरना दे। दूसरी तरफ बरेली के कांग्रेसी सांसद प्रवीन सिंह ने अन्ना का बिल स्टैंडिंग कमेटी को भेज कर नई हलचल पैदा कर दी है।
हजारे के अनशन के पांचवें दिन सरकार और टीम अन्ना के बीच तनातनी बढ़ती दिख रही है। टीम अन्ना के कड़े तेवरों पर सरकार ने भी वार किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि टीम अन्ना अपनी हद में रहे। संसद की स्थायी समिति की तरफ से अखबारों में विज्ञापन देकर लोकपाल बिल पर लोगों और संस्थाओं से राय मांगी गई है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने इसे समय की बर्बादी बता दिया। इसी पर सामी ने कहा कि अरविंद का बयान स्थायी समिति के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन है। सामी ने कहा कि टीम अन्ना पर ऐसे बयान के लिए अवमानना का मामला भी बन सकता है।
स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि स्थायी समिति मिनी संसद है, जहां फैसले बहुमत से होते हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अच्छा कानून बनाने वाली समिति में लालू प्रसाद और अमर सिंह सदस्य हैं। ये लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाएंगे, क्योंकि इन्हें काफी अनुभव है। संसदीय कार्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा है कि इस आंदोलन का भगवान ही मालिक है।
संसद की स्थायी समिति ने लोगों और संस्थाओं से लोकपाल विधेयक पर अख़बारों में विज्ञापन देकर सुझाव मांगा है। विज्ञापन के मुताबिक लोग 4 सितंबर तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। लोकपाल मुद्दे पर समिति की अगली बैठक 4 सितंबर को होगी। गौरतलब है कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए लोकपाल बिल लोकसभा में मौजूदा मॉनसून सत्र में ही पेश किया था। यह बिल अब स्थायी समिति के सामने है।
अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थायी समिति की सुझाव मांगने की कवायद सिर्फ वक्त की बर्बादी है। उनका कहना है कि सरकारी लोकपाल बिल को पूरी तरह से बदलना होगा, इसमें सुधार या संशोधन की गुंजाइश नहीं है। वरुण गांधी द्वारा जनलोकपाल बिल को प्राइवेट मेंबर्स बिल के तौर पर संसद में पेश किए जाने की संभावना पर केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल से मुझे बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं है। अरविंद के मुताबिक इससे सिर्फ सदन का ध्यान किसी लोकहित के मुद्दे की तरफ आकर्षित भर कराया जा सकता है। उन्हें इस कोशिश से बहुत उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि 1968 के बाद आज तक कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल संसद में पास नहीं हुआ है।
इससे पहले शनिवार को अन्ना ने एक बार फिर अपना संकल्प दोहराया कि जब तक लोकपाल पास नहीं हो जाता, वे लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा वजन साढ़े तीन किलो कम हुआ है। थोड़ी कमजोरी है, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा। अपने विरोधियों पर फिर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश को सिर्फ दुश्मनों से नहीं बल्कि गद्दारों से भी खतरा है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 अगस्त 2011
टीम अन्ना का वार- लालू-अमर जैसे नेता बनाएंगे भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून
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