हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य मुहूर्त देखकर किए जाने का विधान है। इसी विधान के अनुसार श्रीगणेश चतुर्थी(1 सितंबर, गुरुवार) को भगवान श्रीगणेश की स्थापना के श्रेष्ठ मुहूर्त इस प्रकार हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार शुभ मुहूर्त देखकर किए गए कार्य शुभ व सफल होते हैं।
सुबह 6:20 से 7:50 तक- शुभ
दोपहर 12:20 से 1:30 तक- लाभ
शाम 4:50 से 6:20 तक- शुभ
इनके अतिरिक्त वृश्चिक लग्न में (सुबह 11:44 से दोपहर 1:30 ) तथा कुंभ लग्न में (शाम 5:52 से 7: 03) भी भगवान श्रीगणेश की स्थापना की जा सकती है क्योंकि यह दोनों स्थिर लग्न है। इन लग्नों में किया गया कोई भी शुभ कार्य स्थाई होता है।
भगवान श्रीगणेश की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकि पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
एक दन्त दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
अन्धन को आंख देत कोढिऩ को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
हार चढ़े फुल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डïूवन का भोग लगे संत करे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
दीनन की लाज रखो, शंभू पुत्र वारी।
मनोरथ को पूरा करो, जय बलिहारी।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकि पार्वती पिता महादेवा।।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 अगस्त 2011
गणेश चतुर्थी पर सभी को हार्दिक बधाई ....कल इस शुभ मुहूर्त में करें श्रीगणेश की स्थापना
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आपने गणेश जी की आरती यहाँ दाल दी अच्छा लगा |
जवाब देंहटाएंआपको ईद के लिए हार्दिक शुव्ह कामनाएं |
आशा
ganesh chathurathi par aap ka sub kamana
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