1 सितंबर, गुरुवार को गणेश चतुर्थी है। इस दिन घर-घर भगवान श्रीगणेश की स्थापना की जाती है। हमारे धर्म ग्रंथों में इस संबंध में कई नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों के अनुसार भगवान श्रीगणेश की स्थापना व पूजन प्रतिदिन करें व कुछ सावधानियों को ध्यान रखें तो श्रीगणेश पूजन का मनोवांछित फल मिलता है। यह नियम व सावधानियां इस प्रकार हैं-
1- जहां पर भगवान श्रीगणेश की स्थापना करें उस स्थान को प्रतिदिन साफ करें वहां कचरा इत्यादि न जमा हो पाए।
2- भगवान की रोज करें। सुबह-शाम दीपक व भोग लगाएं तथा आरती करें।
3- धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रीगणेश को तुलसी न चढ़ाएं।
4- श्रीगणेश की स्थापना ईशाण कोण में करें। स्थापना इस प्रकार करें कि श्रीगणेश की मूर्ति का मुख पश्चिम की ओर रहे।
5- स्थापना स्थल पर मृतात्माओं का चित्र न लगाएं।
6- स्थापना स्थल के ऊपर कोई कबाड़ या वजनी चीज न रखें।
7- दुर्वा व ताजे फूल चढ़ाएं तो बेहतर रहेगा।
8- स्थापना स्थल पर पवित्रता का ध्यान रखें जैसे- चप्पल पहनकर कोई स्थापना स्थल तक न जाए, चमड़े का बेल्ट या पर्स रखकर कोई पूजा न करें आदि।
9- किसी भी प्रकार का नाश करके स्थापना स्थल पर न जाएं।
10- स्थापना के बाद श्रीगणेश की प्रतिमा को इधर-उधर न रखें यानी हिलाएं नहीं।
11- स्थापना स्थल के समीप बैठकर किसी धर्म ग्रंथ का पाठ रोज करेंगे तो शुभ फल मिलेगा।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 अगस्त 2011
श्रीगणेश स्थापना व पूजन में रखें ये सावधानिया
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