मेरे घर में
अन्धेरा करने वालों
में तो नादाँ हूँ
में तो
दूसरों के घरों में
चिराग रोशन कर
रौशनी कर रहा हूँ
बस तुम लोग ही
जरा सोचो
मेरे घर को भी चाहिए
एक दिया
रौशनी के लियें ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
11 अगस्त 2011
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अति सुन्दर मन मोहित होगया आप के ब्लॉग पे आने से इस केलिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंआप मेरे ब्लॉग पे भी अपना कीमती समय निकाल के आवे