आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

14 अगस्त 2011

कांग्रेस का सबसे तीखा हमला: ‘फिरौती वसूलते हैं अन्‍ना के लोग’


नई दिल्‍ली. सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे के अनशन की तारीख नजदीक आते देख केंद्र सरकार ने टीम अन्‍ना पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस ने अन्‍ना हजारे पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोलते हुए हजारे को भ्रष्‍टाचारी करार दिया है। कांग्रेस ने पीएम पर अन्‍ना की टिप्‍पणी को लेकर नाराजगी जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता को शिष्‍टाचार सीखने की नसीहत दे डाली है। वहीं सरकार के प्रतिनिधि के तौर दो केंद्रीय मंत्रियों ने टीम अन्‍ना को संविधान का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि वो अनशन करें, बगावत नहीं । वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अन्‍ना के अनशन पर कहा कि किसी की मर्जी से कानून नहीं बन सकता है। लेकिन अन्‍ना की टीम के तेवर भी कड़े बने हुए हैं। टीम अन्‍ना ने कांग्रेस के आरोपों को हास्‍यास्‍पद करार दिया है। अन्‍ना की चिट्ठी के जवाब में पीएम के जवाब पर टीम अन्‍ना ने हैरानी जताते हुए कहा कि अनशन होकर ही रहेगा। मुख्‍य विपक्षी दल भाजपा ने भी अन्‍ना के प्रति खुलकर समर्थन जाहिर किया है।

कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस कर अन्‍ना पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस प्रवक्‍ता ने 2005 में बने जस्टिस सावंत आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अन्‍ना के लोगों पर फिरौती, ब्‍लैकमेलिंग, जबरन वसूली, गुंडागर्दी और दूसरों की संपत्ति पर कब्‍जा करने के आरोप हैं। अन्‍ना हजारे पर भ्रष्‍टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्‍ता ने कहा कि जस्टिस सावंत आयोग ने अन्‍ना के चार संस्‍थाओं की जांच की है। अन्‍ना के एक ट्रस्‍ट ने 1982 से 2002 के बीच लेखा जोखा नहीं दिया है। अन्‍ना ने फौज की चिट्ठी का भी जवाब नहीं दिया।

उन्‍होंने कहा, ‘मई 2011 को फौज ने अन्‍ना को चिट्ठी लिखी थी जिसमें कहा गया है कि आपने जो फौज में सेवा की है उसकी कोई सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांग रहा है लेकिन अभी तक अन्‍ना हजारे ने उस चिट्ठी का जवाब नहीं दिया।’ तिवारी ने कहा, ‘जब आप पारदर्शिता की बात करते हो, भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जंग की बात करते हो तो क्‍या आपत्ति है जवाब देने में। आप अपने मामले में पारदर्शिता क्‍यों नहीं दिखाते।’ उन्‍होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘अन्‍ना के आंदोलन का पैसा कहां से आ रहा है नहीं मालूम।’

अन्‍ना की इस टिप्‍पणी पर कि पीएम किस मुंह से झंडा फहराएंगे, मनीष तिवारी ने कहा, 'हजारे ने संस्‍कृति और शिष्‍टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं। उन्‍होंने न सिर्फ पीएम का अपमान किया बल्कि तिरंगे का भी अपमान किया है जिसे लाल किले पर लहराने के लिए लाखों हिंदुस्‍तानियों ने बलिदान किया। अन्‍ना की पीएम पर टिप्‍पणी गैरजिम्‍मेदार, असंवैधानिक और अनैतिक है।' उन्‍होंने तल्‍ख लहजे में कहा, ‘तुम किस मुंह से भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अनशन की बात करते हो। ऊपर से नीचे तक तुम भ्रष्‍टाचार में खुद लिप्‍त हो। ये बात हम नहीं कहते, बल्कि उच्‍चतम न्‍यायालय के एक न्‍यायाधीश की अगुवाई में बना हुआ जांच आयोग कहता है।' उन्‍होंने कहा, ‘अगर आप नैतिकता की दुहाई देते हैं तो पहले सावंत आयोग के इल्‍जामों का जवाब दें।’

टीम अन्‍ना को ‘ए’ कंपनी करार देते हुए मनीष तिवारी ने कहा, ‘इसने कभी अन्‍ना हजारे यह नहीं पूछा कि आपके खिलाफ बहुत संगीन आरोप जस्टिस सावंत ने लगाए हैं। क्‍या कहना है आपको इन आरोपों के बारे में। मैं जस्टिस संतोष हेगड़े और वकील शांति भूषण से यह पूछना चाहता हूं कि आपने कभी अन्‍ना हजारे से यह पूछने की जरूरत नहीं समझी कि उनके खिलाफ भ्रष्‍टाचार के कितने आरोप हैं।’ इस तरह की रिपोर्ट का अभी खुलासा करने की वजह पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्‍ता ने कहा कि जब आप सभी मर्यादाओं की सीमा लांघ जाएं, सरकार ही नहीं संसद को भी अपमानित करें तो आपको आईने में अपना चेहरा दिखाना जरूरी है।

मनीष तिवारी ने कहा, ‘16 अगस्‍त के अनशन का लोकपाल या फिर भ्रष्‍टाचार से कोई लेना-देना नहीं है। यदि इस अनशन का भ्रष्‍टाचार से कोई लेना देना है तो अन्‍ना पहले अपने खिलाफ लगे आरोपों का जवाब दें।’ हालांकि जस्टिस सावंत ने आज एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘उनकी रिपोर्ट में जिस भ्रष्‍टाचार का जिक्र हुआ है वह किसी व्‍यक्ति से नहीं, बल्कि संस्‍था से जुड़ा है।’

इससे पहले टीम अन्‍ना ने पीएम के जवाब को दुर्भाग्‍यपूर्ण करार दिया है। वरिष्‍ठ वकील और टीम अन्‍ना के सहयोगी प्रशांत भूषण ने कहा कि इस अनशन में ज्‍यादा लोग हिस्‍सा न ले सकें, इसलिए इतनी शर्तें लादी गई हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और टीम अन्‍ना के एक अन्‍य सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वैधानिक शर्तें ही मानेंगे।

भाजपा का अन्‍ना को समर्थन

भाजपा ने मनीष तिवारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है। कांग्रेस की बयानबाजी इमरजेंसी के दिनों की याद दिलाती है। गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्‍ना हजारे के अनशन का समर्थन करते हुए कहा, ‘मैं अन्‍ना हजारे के साथ हूं। गुजरात से भ्रष्टाचार मिटाकर रहूंगा।’ वहीं भाजपा अध्‍यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि अन्‍ना हजारे को अनशन की इजाजत देने के साथ शर्तें लादना मौलिक अधिकारों का हनन है। उन्‍होंने इसे आपातकाल की शुरुआत बताया है। भाजपा नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा है कि भ्रष्‍टाचार सरकार को लेकर गंभीर नहीं है।

रामदेव नहीं होंगे शामिल

अन्‍ना के अनशन में पिछली बार की तरह इस बार योग गुरु रामदेव नहीं शामिल होंगे। रामदेव की तरफ से कहा गया है कि उन्‍हें इस अनशन में हिस्‍सा लेने के लिए औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। हालांकि कल अन्‍ना के करीबी स्‍वाममी अग्निवेश ने दावा किया था कि बाबा रामदेव ने अन्‍ना के अनशन में शामिल होने की इच्‍छा जताई है। इस बीच, दिल्‍ली पुलिस की टीम ने जेपी पार्क का मुआयना किया है, जहां 16 अगस्‍त से अन्‍ना अनशन पर बैठने वाले हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...