नवजीवन संस्थान पालनाघर के प्रभारी भगवान सिंह परिहार ने बताया कि मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे पालने से जुड़ी घंटी बजी। कर्मचारी बाहर गए तो पालने में करीब 9-10 महीने की बच्ची दिखी। बच्ची को पालने से उठाने लगे तो उसके पास थैली मिली। इसमें अंग्रेजी में लिखे पत्र के साथ एक पर्स, एक चेन, दूध की एक बोतल और कुछ कपड़े रखे थे। पर्स में 850 रुपए थे।
परिहार ने कहा कि बच्चे के साथ पत्र छोड़ने का यह पहला मामला है, जिसमें बच्ची को वापस ले जाने की बात लिखी है। लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ कि कोई बच्चे को छोड़ने के बाद वापस ले गया हो।
बच्ची वापस चाहिए तो समर्पण नामा दें :
कानूनन पालनाघर में रखे जाने वाले बच्चों को वापस लेने के लिए समर्पण नामा देना जरूरी है। ऐसे में संस्थान ने अपील की है कि जिस किसी ने भी बच्ची को छोड़ा है, वे समर्पण नामा दे जाएं। इसके अभाव में बच्ची को वापस देना संभव नहीं होगा। संस्थान प्रभारी ने बताया कि समय पर बच्ची को वापस नहीं ले जाने पर कानूनी प्रक्रिया के तहत गोद दे दिया जाएगा।
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