कभी साइकिल से चलने वाले योग गुरु बाबा रामदेव आज हेलीकॉप्टर में उड़ते हैं। उनके ट्रस्ट के पास अरबों की संपत्ति है। इसके अलावा अब बाबा की तैयारी राजनीतिक पार्टी बनाने की है। वे 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। उनके पास स्कॉटलैंड में करोड़ों का द्वीप है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने भले ही योग विद्या के जरिए पूरे विश्व में भारत का नाम किया हो, लेकिन अभी वो अपने ही देश में कांग्रेस पार्टी के निशाने पर हैं। एक ओर जहां हाल ही में उन्हंे अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के एक सांसद ने कथित रूप से अपशब्द कहे वहीं अब कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह उनसे उनकी संपत्ति का हिसाब मांग रहे हैं। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार के खात्मे की बात करने वाले बाबा रामदेव पहले अपनी प्रॉपर्टी का हिसाब दें। जबकि बाबा रामदेव ने इसके जवाब में कहा है कि उनके ट्रस्ट के पास 1115 करोड़ की संपत्ति है और उनके स्वयं के नाम एक इंच भी भूमि नहीं है।
बाबा रामदेव के अनुसार उनके पास जो कुछ भी है वो सब ट्रस्ट का है, उनका निजी कुछ भी नहीं है। बाबा रामदेव के साथी आचार्य बाल कृष्णा ने भी कहा है कि वे सभी प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं। उन्हें और खुशी होगी कि यदि उनकी जांच के साथ-साथ नेहरु-गांधी नामों से चल रहे अनेक ट्रस्टों की जांच भी हो। बाबा रामदेव इस मामले में सभी प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं।
बाबा का ‘शांति द्वीप’
बाबा रामदेव ने 2009 में स्कॉटलैंड में लगभग 14.7 करोड़ का एक टापू खरीदा था। इस द्वीप का अधिग्रहण भारतीय मूल के स्कॉटिश दंपती सैम और सुनीता पोद्दार ने किया था। इस द्वीप के बारे में बाबा रामदेव ने कहा था कि यह संपत्ति बनाने की बात नहीं है, बल्कि इसको हमने भारतीय मूल्यों को एक पहचान देने के लिए लिया है। यहां हम विश्व स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं देंगे। उन्होंने इसे शांति का टापू बनाने की बात कही थी। 310 एकड़ में फैले इस टापू को खरीदे हुए लगभग 17 माह हो गए हैं। बाबा ने कहा था कि 18 माह के अंदर वे इस टापू को एक नई पहचान देंगे और इसे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले एक शांति के टापू के रूप में विकसित करेंगे। हालंकि अब तक यहां पर बाबा रामदेव ने या ट्रस्ट के किसी सदस्य ने इस तरह का कोई खास काम नहीं किया है।
1,100 करोड़ का टर्नओवर
2009-2010 में बाबा रामदेव की ट्रस्ट का टर्नओवर 1100 करोड़ रु. था। बाबा द्वारा आयोजित शिविरों में पंजीकरण के लिए 5000 रुपए लगते हैं और हर शिविर में कम से कम 50 हजार लोग पहुंचते हैं। इन खास सत्रों से बाबा को हर साल 25 करोड़ रुपए की आय होती है। हरिद्वार में बाबा ने 95 एकड़ में एक फूड पार्क भी स्थापित किया है। इसके लिए उन्होंने 500 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
मप्र सरकार भी मेहरबान
मध्यप्रदेश सरकार भी बाबा रामदेव को जबलपुर में 1618 एकड़ की भूमि देने का विचार कर रही थी, मगर विपक्ष के दबाव के चलते उसे अपने इस निर्णय को रोकना पड़ा। बेंगलुरु के पास भी बाबा करीब 150 एकड़ भूमि खरीदने का विचार बना रहे हैं। इसके अलावा बाबा के पास एक हेलीकॉप्टर भी है, जिसे वे अपने एक शिष्य की भेंट बताते हैं। इतनी संपत्ति के मालिक होने के बावजूद बाबा रामदेव का कहना है कि, ‘कई लोग मेरे आश्रमों में आते हैं और छोटी-मोटी राशि दान करते हैं, मैंने सारी संपत्ति इन्हीं से बनाई है। मगर, मेरे पास कोई पर्सनल अकाउंट नहीं है।’
बार को बनाया आश्रम
सुधाकर शेट्टी नामक बाबा के एक श्रद्धालु का मुंबई में दीपा लेडीज बार नामक बार हुआ करता था। 2008 में जब महाराष्ट्र सरकार ने डांस बारों को बंद करने का निर्देश दिया तो शेट्टी ने इसे बाबा रामदेव को भेंट में दे दिया। इस आश्रम का उद्घाटन खुद बाबा ने किया था। जब इस बार के बारे में शेट्टी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जनकारी नहीं है और कहा कि इसे कोई और चलाता था। शेट्टी ने कहा कि वह रियल एस्स्टेट का बिजनेस करते हैं और यह बार केवल उनकी संपत्ति थी। इस बार में कई राजनेताओं के बेटे भी आया करते थे। इनमें हरियाणा के एक पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा भी शामिल है। शेट्टी के बारे में बाबा का मानना है कि वे उनके शिष्य हैं और उन्होंने पैस कमाने के लिए कोई गलत रास्ता नहीं अपनाया।
कई बार रहे हैं विवादों में
मार्च 2005 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के 113 कर्मचारियों ने मजदूरी देने को लेकर आंदोलन किया था। 2006 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर यह आरोप लगा था कि वे अपनी दवाइयों में मानव और जानवरों की हड्डी का प्रयोग करते हैं। दिसंबर 2006 में बाबा रामदेव एक बार फिर विवादों में आ गए थे। इस बार इनके उत्पाद को प्रमोट करने वाली एक वेबसाइट ने लिखा था कि एड्स के मरीजों में पाए जाने सीडी4सेल को योग के माध्यम से बेहतर बनाया जा सकता है। इसी बात को मीडिया ने लिख दिया कि बाबा रामदेव के पास एड्स जैसी गंभीर बीमारी का भी इलाज है। बाद में बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा दावा नहीं किया है।
साइकिल थी सवारी
कभी साइकिल से चलने वाले बाबा रामदेव के पास उस समय इतना भी पैसा नहीं हुआ करता था कि वे साइकिल का पंचर भी बनवा सकें। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने हाल ही में बाबा रामदेव पर आरोप लगाए थे कि एक दशक पहले रामदेव साइकिल से चलते थे। उनका कहना है कि साइकिल से चलने वाला आज हेलीकॉप्टर से यात्राएं कर रहा है, इसलिए हम उनकी संपत्ति की जांच की मांग करते हैं। बाबा रामदेव हरिद्वार में गुरु शंकर देव के शिष्य थे, लेकिन गुरु शंकर देव का अब कुछ पता नहीं है। आज बाबा रामदेव के सबसे विश्वस्त साथी बाल कृष्णा महाराज हैं। इन्होंने ही बाबा के आयुर्वेद का साम्राज्य खड़ा किया है। गौरतलब है कि बाबा रामदेव और कांग्रेस में भी जुबानी जंग चल रही है। बाबा रामदेव आजकल विदेशों में जमा भारतीयों का काला धन वापस लाने के लिए अभियान चला रहे हैं।
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