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21 अगस्त 2011

सवारी बैठाने के चक्कर में बस में लगाई आग, दस जिंदा जले

सेंधवा(बड़वानी)/इंदौर। सवारी बैठाने को लेकर हुए विवाद के बाद बस चालक और क्लीनर ने मिलकर यात्रियों से भरी एक अन्य बस में आग लगा दी। इसमें सवार 10 यात्री जिंदा जल गए, जबकि 15 जख्मी हो गए। चार यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। घटना से आक्रोशित लोगों ने दूसरी बस को आग के हवाले कर दिया। घटना रविवार शाम 4.30 बजे सेंधवा से करीब 16 किमी दूर बालसमुद स्थित परिवहन व वाणिज्यिक कर जांच चौकी के पास हुई।

साईंकृपा ट्रेवल्स (एमपी 09-एफए 2717) और राजस्थान पासिंग अशोका ट्रेवल्स की बस (आरजे-09 पीए 1442) शाम 4 बजे सेंधवा से इंदौर के लिए निकली। सवारी बैठाने को लेकर दोनों बसों के चालक-परिचालक रास्ते में विवाद करते जा रहे थे।

विवाद इतना बढ़ा कि जांच चौकी से करीब 150 मीटर दूर नासिक से सीकर के बीच चलने वाली अशोका ट्रेवल्स की बस के ड्राइवर व क्लीनर ने अपनी बस पर रखी बाइक से पेट्रोल निकाला और साईंकृपा ट्रेवल्स की बस के सामने खड़े हो गए। यात्री कुछ समझ पाते इसके पहले ही उन्होंने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और पेट्रोल डालकर बस को आग के हवाले कर दिया। गेट के पास इतनी भीषण आग थी कि यात्री यहां से निकल नहीं सके। खिड़की से कूदकर कई यात्रियों ने जान बचाई। आक्रोशित लोगों ने राजस्थान की बस में आग लगा दी।

हालांकि तब तक इसमें सवार सभी यात्री उतर चुके थे। मरने वालों में 4 धार और 2 सेंधवा के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने अशोका ट्रेवल्स के चालक व क्लीनर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। कलेक्टर रेनू तिवारी ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। डीआईजी रवि कुमार गुप्ता रात 10 बजे सेंधवा अस्पताल पहुंचे।

आर्थिक सहायता की घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने घटना पर दु:ख जताते हुए मारे गए यात्रियों के परिजन को एक-एक लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की। इसी तरह गंभीरों को 25-25 हजार व सामान्य घायलों को 5-5 हजार रुपए दिए जाएंगे।

ढाई घंटे जाम रहा एबी रोड
घटना के बाद करीब ढाई घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग जाम रहा। काफी मशक्कत के बाद शाम 7 बजे पुलिस यातायात सुचारु कर सकी।

पहली ही बार देखी थी वह बस
इंदौर की जिस बस को जलाया गया उसके संचालक सिंधुनगर निवासी मनोहरलाल गुरदासानी से भास्कर ने जब चर्चा की तो उनका कहना था हमारी बस पिछले पांच साल से इस रूट पर चलती है। पहली बार ही हमने उक्त बस को देखा था जिससे जुड़े लोगों ने हमारी बस को जलाया। रात 7 बजे इंदौर आरटीओ ने हमसे कागजात बुलाए जो हमने उन्हें दे दिए। हमारे सारे कागजात पूरे हैं। हमारा परिवार 1976 से बसों के धंधे में है लेकिन पहली बार इस तरह की घटना हुई।


"सवारी बैठाने और बस के समय को लेकर विवाद हुआ था। वारदात के बाद राजस्थान की बस के कर्मचारी फरार हो गए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। बस में मिले सामान के आधार पर मृतकों की शिनाख्त करने की कोशिश की जा रही है।"
अनिल पाटीदार,
एसडीओपी, सेंधवा


खिड़की से फेंक बचाया बच्चों को
प्रत्यक्षदर्शी आशीष सोनी (ओझर) ने कहा मैं बैरियर के पास खड़ा था, कुछ ही मिनटों में पूरी बस धूं-धूंकर जलने लगी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी सुमित जायसवाल ने कहा आसपास के लोगों ने दौड़कर यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की, लेकिन तब तक कई यात्री बुरी तरह झुलस गए थे। महिलाओं ने अपने बच्चों को खिड़की से फेंका जिन्हें बाहर खड़े लोगों ने झेला। बस में करीब 35 यात्री थे।

ये हैं आरोपी
आईजी अनुराधा शंकर के अनुसार आरोपियों की पहचान दिलीप शर्मा (मंदसौर), तरूण सोनी (मंदसौर) व राजकुमार कुशवाह (गुना) के रूप में हुई है। बस मालिक मंदसौर निवासी नरेश दोशी को हिरासत में लेकर सेंधवा ले जाया गया।


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