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18 अगस्त 2011

आत्मदाह की धमकी, लेकिन बोतल में पानी

जोधपुर। शिव सेना के एक नेता द्वारा आत्मदाह की धमकी देने से गुरुवार को नगर निगम प्रशासन सहमा रहा, लेकिन जब पुलिस ने उसके कब्जे से बरामद की गई बोतल को खोला तो उसमें केरोसिन या पेट्रोल की बजाय पानी भरा था। जांच के बाद पुलिस अधिकारी ने बोतल में भरा पानी पीया तो सभी ने राहत की सांस ली। शिव सेना नेता ने कार्यवाहक सीईओ जुगल किशोर मीणा पर भू-उपयोग परिवर्तन की पत्रावली को जान बूझकर अटकाने का आरोप लगाते हुए करीब ढाई घंटे तक हंगामा किया। बाद में उन्होंने उपमहापौर न्याज मोहम्मद से मिलकर समूचे मामले की शिकायत की।

महापौर के कक्ष में नहीं मिलने पर वे उनके निवास पर जाकर धरने पर बैठ गए। महापौर के आश्वासन के बाद रात ८ बजे धरने से उठे। शिव सेना नेता अनिल कोठारी गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे निगम मुख्यालय पहुंचे। और कार्यवाहक सीईओ जुगलकिशोर मीणा के कक्ष के बाहर हंगामा करने लगे। अपने पास मौजूद एक बोतल दिखाते हुए उन्होंने आत्मदाह की धमकी दी। इससे वहां मौजूद कर्मचारी एकबारगी सहम गए।

मौके पर पहुंची शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने कोठारी के कब्जे से बरामद बोतल को खोला तो उसमें पानी निकला। इस दौरान समझाइश के बाद भी जब कोठारी कार्यवाहक सीईओ मीणा से मिलने की मांग पर अड़े रहे तो उन्हें सूचना दी गई। करीब एक घंटे बाद जब मीणा अपने कार्यालय पहुंचे तो पुलिस की मौजूदगी में दोनों में बातचीत हुई। इस दौरान कोठारी कार्यवाहक सीईओ पर फाइल अटकाने का आरोप लगाते रहे, जबकि वे कोठारी से कहते रहे कि अपनी बात लिखित में दें। कार्यवाहक सीईओ के कक्ष में डटे शिव सेना नेता अतिक्रमण प्रभारी रामकुमार जावा की दखल से बाहर निकले।

क्या है मामला

चौपासनी जागीर के खसरा नंबर 16 प्लाट संख्या 3 के मालिक अनिल भंडारी व उनकी पत्नी मंजू ने 22 फरवरी 2010 को भू-उपयोग परिवर्तन के लिए निगम में आवेदन किया था। भू उपयोग परिवर्तन समिति ने अब तक किए गए बिना अनुमति निर्माण की शास्ती वसूलने के बाद 24 सितंबर 2010 को उन्हें भू-उपयोग परिवर्तन करने की इजाजत दे दी। इसके बाद अफसरों ने आरक्षित दर की बात कहते हुए फाइल अटका दी। तीन बार अलग-अलग राशि की गणना के बावजूद फैसला नहीं हो पाने से अनिल भंडारी के समधी शिव सेना नेता अनिल कोठारी निगम की कार्यप्रणाली से खफा हो गए। गुरुवार को वे निगम में पहुंच गए और आत्मदाह की धमकी दी।

नियमों की पालना

कार्यवाहक सीईओ जुगल किशोर मीणा ने शिव सेना नेता के आरोपों के जवाब में कहा कि मैंने जो कुछ किया, वह नियमों के तहत किया है। मैंने जुबानी बात नहीं की, लिखित में नोटिस देकर राशि जमा करवाने की बात कह रहा हूं। अगर कोई आपत्ति है तो लिखकर पेश कर दें, निगम उस पर निमयानुसार विचार करेगा।

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