जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रम्होस का परीक्षण पोकरण के चांधन फायरिंग रेंज में होगा। यह मिसाइल 30 किलोमीटर दूर अजासर गांव में काल्पनिक ठिकाने पर निशाना दागेगी। इस फायरिंग टैस्ट को राजस्थान सीमा से पाकिस्तानी सेना के हटने और कारगिल में फिर से जंग की आशंका के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारतीय सेना व डीआरडीओ के उच्चाधिकारियों की मौजदूगी में 12 अगस्त को चांधन फायरिंग रेंज से ब्रrाोस मिसाइल से निशाना दागा जाएगा। मिसाइल कितने समय में और कितना टारगेट भेद सकेगी, उससे मिसाइल की मारक क्षमता का आकलन किया जाएगा। अजासर पाकिस्तान सीमा से करीब 80 किमी दूर है। ब्रम्होस-2 मिसाइल 4 मार्च 2007 को ट्रायल के दौरान निशाना चूक गई थी। बाद में दुबारा 28 मार्च को किया गया परीक्षण सफल रहा था।
फायरिंग टेस्ट के मायने
पाकिस्तान ने अपनी एक तिहाई सेना अलकायदा के आतंकवादियों से लड़ने के लिए अफगान सीमा पर लगा रखी है। भारतीय सेना का ध्यान बंटाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने एक रणनीति के तहत रेगिस्तानी इलाके में मिसाइल ‘हताफ’ का परीक्षण किया था। बीते दिनों पाक मीडिया में इस तरह की खबरें प्रकाशित हुई थीं कि भारतीय शहरों को अपने निशाने पर लेने के लिए पाकिस्तान परमाणु शस्त्र वहन करने में सक्षम 24 मिसाइल सेना में शामिल कर रहा है। कारगिल में फिर से जंग के हालात बनने की आशंका जताई जा रही है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की इन गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना मिसाइल ‘ब्रम्होस’ का फायरिंग टेस्ट कर जवाब देना चाहती है कि वह हर स्थिति से निपटने में सक्षम है। गौरतलब है कि रेगिस्तान में फिर कभी जंग होती है तो बैटल टैंक और मिसाइलों की अहम भूमिका होगी।
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