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06 जुलाई 2011

पद्मनाभ मंदिर: खजाने का बनेगा वीडियो, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

पद्मनाभ मंदिर: खजाने का बनेगा वीडियो, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट


 
 
 
 
नई दिल्ली/कोच्चि. तिरुअनंतपुरम के पद्मनाभ स्वामी मंदिर में मिले करीब १ लाख करोड़ के खजाने पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन समिति, खजाना निकालने के लिए बनी निगरानी कमेटी के सदस्यों और मामले से जुड़े हुए वकीलों को निर्देश दिए कि वे इस बारे में मीडिया से कोई भी चर्चा न करें। कोर्ट ने खजाने की सुरक्षा को लेकर भी रिपोर्ट मांगी है। मंदिर के पांच तहखाने खोले जा चुके हैं और छठवां तहखाना शुक्रवार को खोला जाएगा। इसी बीच उड़ुपी के श्रीकृष्ण मंदिर में भी इसी तरह का खजाना होने की चर्चा शुरु हो गई है। इस मंदिर का इतिहास करीब ८०० साल पुराना है।
कुछ महीनों पहले केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वह मंदिर का प्रबंधन अपने हाथों में ले ले। लेकिन मंदिर प्रबंधन कमेटी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे दे दिया गया। मामले की आज सुनवाई हुई। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि कुछ लोग, बिना प्रमाणिकता के खजाने की कीमत के बारे में बातचीत कर रहे हैं। कोर्ट ने खजाने को निकालने के लिए बनाई गई कमेटी से खजाने की सुरक्षा को लेकर भी रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट ने खजाना निकालने की वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए। कोर्ट ने खजाने के मालिकाना हक को लेकर उठे विवाद पर भी गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए किसी म्यूजियम के क्यूरेटर की नियुक्ती का भी प्रस्ताव दिया। कोर्ट ने कहा कि वे विशेषज्ञों से बातचीत कर, शुक्रवार को इस पर निर्णय देंगे। कोर्ट ने कहा कि वे इस पर भी निर्णय लेंगे कि कौन से सामान को म्यूजियम में रखा जाए और किसे सुरक्षित स्थानों पर।  कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई खजाने पर मालिकाना हक का दावा करता है तो इसके गंभीर परिणाम निकलेंगे।
इसी बीच नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने मंदिर की सुरक्षा को लेकर केंद्र से कोई चर्चा नहीं की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार मंदिर और खजाने की सुरक्षा करने में सक्षम है।  
जस्टिस राजन ने कहा, कभी कीमत सार्वजनिक नहीं की
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के  सदस्य जस्टिस सीएस राजन ने अपनी बात से मुकरते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी खजाने की कीमत सार्वजनिक नहीं की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल इतना कहा कि खजाने का देखने के बाद वे आश्चर्यचकित रह गए थे।   राजन ने कहा कि उनका मानना है कि खजाना मंदिर के ही पास रहना चाहिए, क्योंकि यह पूर्ववर्ती त्रावणकोर शासकों ने भगवान को समर्पित किया था। यह खजाना ट्रेजरार ट्रोव एक्ट के अंतर्गत नहीं आता। हालांकि इस बारे में वे अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगे और इसी के बाद इस पर निर्णय होगा। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि यह खजाना राज्य सरकार के पास जाना चाहिए। 
खजाने के अंतिम तहखाने को खोलने का काम रोक दिया गया है लेकिन इसे शुक्रवार को खोला जाएगा। माना जा रहा है कि अपशकुन की आशंका के चलते यह निर्णय लिया गया था। जस्टिस राजन ने इस बारे में कहा कि इस बारे में मंदिर के मुख्य पुजारी से बातचीत की जाएगी। माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा कीमती सामान इसी में रखा गया है। जस्टिस राजन ने कहा कि इस अंतिम तहखाने को खोलने में काफी दिक्कतें हैं लेकिन जैसा कि कहा जा रहा था कि इस तहखाने से एक सुरंग समुद्र तक गई है, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि खजाने का रिकॉर्ड पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से रखा जा रहा है और इसकी वास्तविक कीमत, मीडिया में छप रही कीमत से भिन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुझे खजाने की कीमत के आंकलन के बारे में निर्देश नहीं दिए हैं। जस्टिस ने  कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट को खजाने के बारे में अपनी अंतरिम रिपोर्ट जल्दी ही सौंप देंगे। लेकिन कोर्ट में चल रहा मामला संपत्ति पर कब्जे को लेकर है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई कमेटी की बैठक शुक्रवार को होने की संभावना है, जिसके बाद ही अंतिम तहखाना खोलने का निर्णय लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के याचिकाकर्ता की नाराजगी
याचिका दाखिल करने वाले टीपी सुंदरराजन ने इस पर नाराजगी जाहिर की कि खजाने को निकालने वाले कुछ सदस्य इसकी कीमत को सार्वजनिक कर रहे हैं। उनके अनुसार सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज सीएस राजन, जो खजाना निकाल रही कमेटी के सदस्य हैं ने कहा कि खजाना देखकर वे आश्चर्यचकित रह गए। किसी ने भी इतने हीरे और आभूषण जीवन में नहीं देखें होंगे। यह वाकई एक अनोखा अनुभव था। उन्होंने यह भी कहा कि यह खजाना नहीं है बल्कि राजसी परिवार का मंदिर को सालों से दी जा रही संपत्ति है। राजसी परिवार के सदस्य सुंदरराजन ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि किसी को भी इस मामले में टिप्पणी नहीं करना चाहिए क्योंकि मामला कोर्ट में है।
नायर समाज ने कहा खजाने पर दावे को लेकर भ्रामक प्रचार
केरल के प्रभावशाली नायर समाज ने आरोप लगाया है कि संपत्ति पर कब्जे को लेकर कई लोग भ्रम फैला रहे हैं। नायर सर्विस सोसायटी (एनएसएस) के महासचिव जी सुकुमारन नायर ने कहा कि राज्य सरकार ने यह मान लिया है कि खजाना मंदिर की संपत्ति है, फिर भी इस पर विवाद खड़ा किया जा रहा है।

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