पर उसकी मां सईदा बेगम शबंदरी का कहना है कि देश में कुछ भी होने पर ख़ास कर आतंकी घटनाओं से जुड़े मामलों में हमारे बच्चों के नाम बार-बार आने से हमलोग परेशान हो चुके हैं। जबकि हमलोग मीडिया,पुलिस और जिला प्रसाशन से कई बार कह चुके हैं कि हमारे परिवार का रियाज़,इकबाल और यासीन से कोई लेना देना नहीं है।
रियाज़ की मां ने आगे बताया कि रियाज़ अपने तीन छोटे बच्चों को भी देखने नहीं आता है। न ही वह फ़ोन करता है और न ही वह हमारे फोन का जवाब ही देता है। वह कई बार अपने नंबर बदल चुका है। हमें यह भी नहीं पता कि वह और उसके दो भाई इस वक़्त कहां है।
पर रियाज़ के पिता इस्माइल शबंदरी,जिनकी उम्र 70 के करीब है,को अब भी उम्मीद है कि रियाज एक दिन इन सब गड़बड़ियों से बाहर निकल कर आएगा और उसपर लगे आतंकवादी टैग से भी उसे छुटकारा मिल जाएगा।
उन्होंने बताया "मैंने उसे पिछले 14 सालों से नहीं देखा है एक बार मैंने सुना था कि वह 2004 में भटकल आया था,पर वह हमसे मिलने नहीं आया। लेकिन पुलिस और खुफिया एजेंसियां हमारे यहां अक्सर आते रहते हैं। उनके यहां आने पर हम उन्हें उनके बचपन की कहानियां सुनाते हैं और उनके बचपन की तस्वीरें दिखातें हैं। उन्होंने कहा 'अगर उसने लोगों को मारने में महत्वपुर्ण भूमिका निभाई है तो मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगा।"
रियाज़ के माता-पिता ठेनगिनागुंदी रोड पर मदीना कोलोनी में रहते हैं।
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