सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बाद सामने आएंगे काला धन जमा करने वालों के नाम
एसआईटी को देश में और देश से बाहर जांच के लिए कई अधिकार मिले हैं। काले धन की जांच से जुड़ी देश की सभी एजेंसियों को एसआईटी की मदद करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को काले धन के मामले में सरकार की तरफ से चल रही सुस्त जांच को लेकर जमकर फटकार भी लगाई। जस्टिस सुदर्शन रेड्डी की डिविजन बेंच ने पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
गौरतलब है कि रामजेठमलानी ने अपनी याचिका में स्विट्जरलैंड के लीचटेंस्टाइन बैंक में काला धन जमा करने वाले 26 भारतीय खाता धारकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की थी। 5 मई को दो जजों की बेंच ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
सरकार ने इस मामले में एसआईटी के गठन का पुरजोर विरोध किया था। काले धन की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने वाली सरकार ने यह दलील थी कि सरकारी समिति जांच में सक्षम है। सरकार का कहना था कि सिस्टम से बाहर की कोई भी एजेंसी जो जांच की निगरानी करेगी, वह कोर्ट को जवाबदेह नहीं होगी और ऐसी कोशिश का नतीजा सिफर होगा।
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