नेता तट पर रह गए, बाकी उतरे पार
राजस्थान अनुदानित शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश समन्वयक विनोद कांकाणी और सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्था शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोविंदराम साजनानी के कागजात में कमी के कारण इनका सरकारी स्कूल में पदस्थापन अटका हुआ है। कांकाणी के पद स्वीकृति के आदेश की प्रति ही जहां उपलब्ध नहीं है वहीं साजनानी को एलडीसी से यूडीसी के पद पर पदोन्नत हो जाने के बावजूद उसके अनुमोदन की पुष्टि करने का मामला बीकानेर भिजवाकर लटका दिया गया है।
राज्य सरकार ने पहले आदेश जारी किए थे कि किसी भी अनुदानित शिक्षक या कार्मिक के एक दस्तावेज की कमी हो तो भी उसे समायोजन से नहीं रोका जाए, प्रारंभिक शिक्षा सेटअप ने इस आदेश की पालना कर दी थी लेकिन माध्यमिक सेटअप में ऐसे कई मामले अटक गए हैं। शिक्षा अधिकारियों ने इन सभी मामलों की गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। सरकार के लिखित आदेश मिलने पर ही कागजात में कमी रहने वाले अनुदानित शिक्षकों को सरकारी सेवा में लेते हुए सरकारी स्कूलों में पदस्थापन के आदेश जारी हो पाएंगे।
जिले में प्रारंभिक के 269 अनुदानित शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में पदस्थापन कर दिया गया है। ऐसे शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों में कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। वहीं माध्यमिक सेटअप में भी अनुदानित शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इन सभी शिक्षकों को 8 जुलाई तक हर हाल में डच्यूटी जॉइन करना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार पदस्थापन से वंचित अनुदानित शिक्षकों के प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए 4 जुलाई को जयपुर शिक्षा संकुल में बैठक होगी। वहां सभी मामलों पर निर्णय लिया जाएगा।
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