आपका-अख्तर खान

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27 जुलाई 2011

इतना क्यूँ इतराते हो ...

ऐ अंधेरों 
तुम खुद के 
घटाटोप होने पर 
इतना क्यूँ इतराते हो ...
सिर्फ एक हाँ सिर्फ एक 
रौशनी की 
मामूली सी किरण 
तुम्हारे घटाटोप अँधेरे को 
रोशन कर 
इस अँधेरे का गुरुर 
तोड़ने के लियें काफी है .........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

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