एनआईए ने असीमानन्द समेत आठ को दोषी माना
जयपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने स्वामी असीमानन्द, भरत भाई समेत आठ जनों को अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह परिसर में बम धमाके व उसकी साजिश रचने का दोषी माना है। इनके खिलाफ एनआईए ने सोमवार को विशेष अदालत (एनआईए) में चार्जशीट पेश की। अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।
इनमें तीन जनों की मौत हुई थी और डेढ़ दर्जन घायल हुए थे। सोमवार को दस्तावेज चेक नहीं होने के कारण बचाव पक्ष को चार्जशीट नहीं दी जा सकी। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। इसी दिन बचाव पक्ष को चार्जशीट मिलने की संभावना है।
पांच का पहले ही चालान : एटीएस राजस्थान की ओर से दरगाह धमाके में अभियुक्त देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा उर्फ कालू, चन्द्रशेखर के खिलाफ पूर्व में चालान पेश कर चुकी है। बाद में मामला एनआईए को सौंप दिया गया। इसी साल 28 अप्रेल को एनआईए ने मामले में अन्य अभियुक्त हर्षद सोलंकी व मुकेश वासाणी के खिलाफ जयपुर स्थित विशेष अदालत (एनआईए) में चार्जशीट पेश की।
समझौता विस्फोट में भी चार्जशीट : पंचकुला. एनआईए ने समझौता विस्फोट मामले में सोमवार को असीमानन्द व सात अन्य के खिलाफ यहां की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। असीमानन्द को मास्टरमाइंड व अन्य को सहयोगी बताया गया है। सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
चार्जशीट में धमाके की साजिश, षड्यंत्र रचने और उसे अंजाम देने के सभी पहलुओं को कोर्ट के सामने रखा गया।
मैं बेकसूर, जानबूझकर फंसाया
पेशी के दौरान असीमानन्द ने कहा है कि समझौता विस्फोट से उसका कुछ लेना-देना नहीं है। एनआईए ने जबरन गुनाह कबूल करवाया है। मेरे खिलाफ फर्जी सबूत बनाए गए हैं। मालूम हो, असीमानन्द पहली बार व्यक्तिगत रूप से पंचकुला कोर्ट लाया गया। पूर्व में वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही पेशी होती रही। मामले में दो आरोपी अभी फरार हैं। फरवरी 2007 में हुए समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे।
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