नई दिल्ली. योग गुरु बाबा रामदेव कभी हरिद्वार में साइकिल से चलते थे, लेकिन आज उनके ट्रस्ट के पास अरबों की संपत्ति है। अब वह 2014 में होने वाले लोकसभा चुनावों में सभी 543 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने का एलान कर चुके हैं।
कभी साइकल पर चलते थे बाबा रामदेव
बाबा रामदेव हरिद्वार में गुरु शंकर देव के शिष्य थे लेकिन गुरु शंकर देव का अब कुछ पता नहीं है। आज बाबा रामदेव के सबसे विश्वस्त साथी बालकिशन महाराज हैं। बाबा के पीछे रहने वाले बालकिशन महाराज ने बाबा के आयुर्वेद का साम्राज्य खड़ा किया हैं। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठ योगी ने हाल ही में बाबा रामदेव पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि एक दशक पहले रामदेव साइकिल पर चलते थे और उनके पास इतना पैसा भी नहीं रहता था कि वे साइकिल का पंचर बनवा सकें। लेकिन आज वे हेलीकॉप्टर में चलते हैं। इसलिए हम उनकी संपत्ति की जांच की मांग करते हैं।
करोड़ों की संपत्ति है बाबा रामदेव के पासबाबा रामदेव के आश्रमों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हरिद्वार से दस किलोमीटर की दूरी पर मौजूद आश्रम के अलावा हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों के नजदीक और स्कॉटलैंड में रामदेव के आश्रम बन चुके हैं। उनका ट्रस्ट दुनियाभर में दवाइयां और 'स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले' कई उत्पाद बेचता है। बाबा रामदेव ने कहा था कि वह आयुर्वेद और योग का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बनाना चाहते हैं जहां इलाज, शोध और अध्यापन किया जाए। बाबा रामदेव ने स्कॉटलैंड में बीस लाख पाउंड स्टर्लिंग में एक टापू खरीदा है। कुंब्रे द्वीप विदेशों में उनके मुख्य केंद्र के तौर पर काम करेगा। इस द्वीप का अधिग्रहण भारतीय मूल के स्कॉटिश दंपती सैम और सुनीता पोद्दार ने सितंबर, 2009 में किया था। इस द्वीप का कामकाज रामदेव के पतंजलि योगपीठ (यूके) ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
बाबा ने 21वीं सदी में देश में योग को नई पहचान दिलाई और घर घर में लोकप्रिय बनाया।टीवी के विभिन्न चैनलों ने उनकी लोकप्रियता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सत्ता के गलियारों में पैठ रखने वाले बड़े लोग उनके संपर्क में आए। इसी दौरान बाबा रामदेव ने योग के लिए पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट बनाया तथा भारत स्वाभिमान के नाम से आंदोलन की शुरुआत की। इसके बाद से बाबा की लोकप्रियता और उनके ट्रस्ट की संपत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती ही जा रही है।
बाबा रामदेव हरिद्वार में गुरु शंकर देव के शिष्य थे लेकिन गुरु शंकर देव का अब कुछ पता नहीं है। आज बाबा रामदेव के सबसे विश्वस्त साथी बालकिशन महाराज हैं। बाबा के पीछे रहने वाले बालकिशन महाराज ने बाबा के आयुर्वेद का साम्राज्य खड़ा किया हैं। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठ योगी ने हाल ही में बाबा रामदेव पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि एक दशक पहले रामदेव साइकिल पर चलते थे और उनके पास इतना पैसा भी नहीं रहता था कि वे साइकिल का पंचर बनवा सकें। लेकिन आज वे हेलीकॉप्टर में चलते हैं। इसलिए हम उनकी संपत्ति की जांच की मांग करते हैं।
करोड़ों की संपत्ति है बाबा रामदेव के पासबाबा रामदेव के आश्रमों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हरिद्वार से दस किलोमीटर की दूरी पर मौजूद आश्रम के अलावा हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों के नजदीक और स्कॉटलैंड में रामदेव के आश्रम बन चुके हैं। उनका ट्रस्ट दुनियाभर में दवाइयां और 'स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले' कई उत्पाद बेचता है। बाबा रामदेव ने कहा था कि वह आयुर्वेद और योग का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बनाना चाहते हैं जहां इलाज, शोध और अध्यापन किया जाए। बाबा रामदेव ने स्कॉटलैंड में बीस लाख पाउंड स्टर्लिंग में एक टापू खरीदा है। कुंब्रे द्वीप विदेशों में उनके मुख्य केंद्र के तौर पर काम करेगा। इस द्वीप का अधिग्रहण भारतीय मूल के स्कॉटिश दंपती सैम और सुनीता पोद्दार ने सितंबर, 2009 में किया था। इस द्वीप का कामकाज रामदेव के पतंजलि योगपीठ (यूके) ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
बाबा ने 21वीं सदी में देश में योग को नई पहचान दिलाई और घर घर में लोकप्रिय बनाया।टीवी के विभिन्न चैनलों ने उनकी लोकप्रियता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सत्ता के गलियारों में पैठ रखने वाले बड़े लोग उनके संपर्क में आए। इसी दौरान बाबा रामदेव ने योग के लिए पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट बनाया तथा भारत स्वाभिमान के नाम से आंदोलन की शुरुआत की। इसके बाद से बाबा की लोकप्रियता और उनके ट्रस्ट की संपत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती ही जा रही है।
बढ़िया रिसर्च की है आपने बाबा पर ....
जवाब देंहटाएंबाबा ने आम लोगों की भाषा में देश को योग सिखा दिया ...यहाँ मैं उनका ऋणी हूँ ....
मगर बाबा की साइकिल, इन टूटी गड्ढे वाली सड़कों पर भी बहुत तेजी से दौड़ती है ...यह आश्चर्य जनक है !
बाबा रामदेव ने योग सिखाने के साथ राष्ट्र हित में जितने भी प्रयोग किये वो सफल रहे हैं. बिजनेस चीज़ ही ऐसी कब किसे कहाँ तक पहुंचा दे कोई नहीं जानता.
जवाब देंहटाएंजहाँ देश भ्रष्ट पार्टियों का अखाड़ा बन चूका है ऐसे में यह वक़्त की मांग है एक प्रयोग और सही - संसद भवन में सही नेतृत्व भेजने का.
एक बार राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी को बहुमत दिलाया जाये. अगर वादा पूरा किया तो भारत विश्व में सिरमौर होगा और नहीं किया तो जनता का कब किसने भला किया है कांग्रेस, भाजपा, राजद, सपा की तरह रा.स.पा. को भी गाली दे कर संतोष कर लेंगे.
फिलहाल स्वच्छ सुशासन नेतृत्व के आस में बाबा रामदेव की पार्टी को अपना समर्थन देता हूँ.
सुलभ जी की बात का पूरा समर्थन करता हूँ ... अगर कोई विकल्प आ रहा है उसका समर्थन कर के तो देखो ...
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