सीआरएस की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान चाहता है कि भारत समेत पूरी दुनिया यह अंदाजा ही लगाती रहे कि वह कौन सी परिस्थिति होगी जब पाकिस्तान अपने ऐटमी हथियारों का इस्तेमाल करेगा। इनमें पाकिस्तान का एक देश के तौर पर नाकाम हो जाना, किसी बड़े शहर पर हमला होना या फिर सीमा पर हलचल जैसे हालात शामिल हैं।
रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि पाकिस्तान के पास 90-110 की संख्या में परमाणु हथियार हैं। जबकि भारत के पास 60-100 की संख्या में ये हथियार है। रिपोर्ट में इस बात पर भी चिंता जताई गई है कि पाकिस्तान में अस्थिर सरकार और चरमपंथी ताकतों के बढ़ते वर्चस्व के बीच परमाणु हथियारों की असुरक्षा बढ़ गई है।रिपोर्ट के मुताबिक कुछ महीने पहले पाकिस्तान ने दुनिया को तब अचंभित कर दिया था जब सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों ने साफ कर दिया था कि पाकिस्तान ने खुशाब परमाणु संयंत्र का काम पूरा कर लिया है। इससे भारत में इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई थी कि पाकिस्तान चीन की तर्ज पर कम क्षमता वाले रणनीतिक परमाणु हथियार तैयार कर रहा है, जिसका इस्तेमाल सीमा पर तनाव बढ़ने के समय भारत के खिलाफ किया जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक ऐटमी हथियार बनाने के लिए प्लूटोनियम का उत्पादन कर रहा है। इसके अलावा खुशाब में ही पाकिस्तान दो नए वॉटर रिएक्टर बना रहा है, जो उसकी प्लूटोनियम बनाने की क्षमता को कई गुना बढ़ा देंगे। पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को चीन चोरी छिपे मदद कर रहा है। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान ने जिस तेजी से खुशाब में काम पूरा किया है, उससे लगता है कि चीन ने उसे यूरेनियम की सप्लाई की है। 2009 तक खुशाब रिएक्टर वजूद में भी नहीं था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)