प्रतिस्पर्धा में गलत राह तो नहीं
लंदन। ब्रिटिश पत्रकारिकता के लिए यह समय आत्मविश्लेषण करने का है। चौबीसों घंटे कवरेज और गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में कहीं हम खबर की खोज में गलत रास्ता तो नहीं चुन रहे, यह विचारणीय विषय है। लंदन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स में हुई एक बहस में यह तथ्य सामने आए। ब्रिटेन के सबसे मशहूर और पुराने अखबार न्यूज ऑफ द वल्र्ड के बंद होने के बाद यहां के मीडिया जगत में बवाल मचा हुआ है। इस अखबार ने गैर कानूनी तरीके से फोन हैकिंग कराई और यह इसलिए कराया गया ताकि सनसनीखेज खबरें निकाली जा सकें।
किसी न किसी रूप में मीडिया संस्थान ऎसा कुछ गलत करते हैं, जिसकी सराहना नहीं की जा सकती। चर्चा में आमंत्रित वक्ताओं ने एक सुर से सरकारी नियमों की जगह मीडिया से ही अपने गिरेबां में झांकने और रणनीति पर पुर्नविचार की अपील की। मीडिया स्टेंडर्ड के निदेशक मार्टिन मूर ने कहा कि पत्रकारों की जिम्मेदारी किसी भी अन्य व्यक्ति के मुकाबले कहीं ज्यादा है। उनसे ईमानदारी की अपेक्षा की जाती है। वक्ताओं ने कहा कि हमें स्वयं के लिए दिशा निर्देश तैयार करने होंगे ताकि हमारी विश्वसनीयता कामय रह सके।
मर्डोक की सार्वजनिक माफी
ब्रिटेन के कई अखबारों में शनिवार को रूपर्ट मर्डोक की तरफ से पूरे पन्ने का माफीनामा छपा है। ये माफीनामा इस शीर्षक के साथ छपा है-हमें खेद है। ये माफीनामा द गार्डियन अखबार में भी छपा है जिसने सबसे पहले इस फोन हैकिंग मामले का पर्दाफाश किया था।
अविनाश कल्ला
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