वन विभाग ने रोकी बंदर-बंदरिया की शादी
वन विभाग के निर्णय से नाराज ग्रामीणों ने देरशाम बूंदी आकर कलेक्टर आरती डोगरा से मुलाकात की, लेकिन प्रशासन ने भी वन विभाग के निर्णय को उचित बताते हुए उन्हें वापस लौटा दिया। इस अनोखी शादी को लेकर दोनों गांवों में पूरे दिन उत्साह का माहौल बना रहा। चिंकी के गांव में तो शादी से पहले की सारी रस्में पूरी की गई। ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए कहा कि शादी कार्यक्रम की घोषणा कई दिन पहले कर दी थी। ऐन वक्त पर वन विभाग द्वारा रोक लगाना न्यायसंगत नहीं है।
इसलिए नहीं हो सकता विवाह: वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बंदर शैड्यूल सैकंड पार्ट फर्स्ट के वन्यजीव हैं। उन्हें इस तरह कैद करके नहीं रखा जा सकता। ऐसे आयोजन वन विभाग की नजर में गैरकानूनी है।
वन्यजीवों की शादी न करने के लिए नैनवां एसडीएम के माध्यम से तलवास के आयोजकों को नोटिस दिया गया है। साथ ही वहां पहुंचकर भी समझाइश की गई है। फिलहाल बंदरिया और उसके पालनहार भूमिगत हो गए। कानून तोड़कर यदि शादी की जाती है तो उसी के अनुरूप कार्रवाई होगी। इसमें गिरफ्तारी भी हो सकती है। - राजेंद्र सिंह नाथावत,डीएफओ, वन विभाग, बूंदी
रोचक समाचार.गाँवों में निश्छल प्रेम को दर्शाता समाचार.
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