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02 जुलाई 2011

रीना मालिक ब्लोगर बहन को उनके जन्म दिन पर बधाई

रीनाकारी अंग्रेजी शीर्षक की हिंदी ब्लोगर्स अंग्रेजी शीर्षक इसलियें के इनका एक और ब्लॉग जिसका शीर्षक स्मार्ट माली है और माई वेब पेज पर भी इन्होने वीडियों सजा कर रखे हैं ऐसी बहुमुखी प्रतिभा की धनि रीना मालिक का आज जन्म दिन है उन्हें हार्दिक बधाई   ...................जी हाँ रीना मालिक खुद जीने का एहसास हैं खुद जिंदगी हैं और खुद खुद की धड़कन हैं वोह कहती हैं शायद जीना इसी का नाम है ...रीना मालिक कमाल का लिख रही हैं  वोह कहती है के खुद से बढ़ा खुद से स्मार्ट नहीं है जो प्रतिभा हैं वोह खुद में छुपी है इसे तलाश करो प्रतिभा मिल जायेगी दूसरों में जो तलाशते हो वोह खुद में तलाश कर लो सम्पूर्ण हो जाओगे इसी लियें उन्होंने लिखा है ...मुझे बहुत दिनों से किसी अच्छे व्यक्ति की तलाश थी नहीं मिला लेकिन जब आयना देखा तो खुद को देख कर लगा के मेरी तलाश पूरी हो गयी है उनके अपने विचार खुदी को बुलंद करने वाले फार्मूले की तरह हैं और जिंदगी इसी का नाम हैं उनके ब्लॉग  reenaakaari........ smaart malik ......हैं लेकिन ब्लॉग की लिपि हिंदी मे हाँ ऐसी ब्लोगर बहन को उनके जन्म दिन पर बधाई हो ..उनकी एक अभिव्यक्ति उनके शब्दों में ही पेश है .....

चोटिल कर रहा है कोई !!!

मेरे  लोकतंत्र में क्या हो रहा है ...कोई किसी तरह तो कोई किसी तरह इसे चोटिल कर रहा है कोई  कितनी जोर से इस पर  चोट कर रहा है.., यह तय करना बेहद मुश्किल है ...,बाबा राम देव की अधूरी समझ का दोष कहे या सरकार की अपनी जान बचाने की कोशिश या जिन लोगो का करोड़ो का धन स्विज़ बैंक में विदेशो में है उनके कारण लोकतंत्र चोटिल हो रहा है या जो लोग वोट के अधिकार का सही  इस्तमाल नही करते या जो अधिकारी लोकसेवा के नाम पर अपने परिवार की सेवा करते हैं ...,किसे दोष दे ????





''हर एक दोषी दिखता मेरे देश के शहीदों की क़ुरबानी का मजाक उडाता लगता  है ,
मेरे वतन पे जो कल मिटे उनकी मज़ारों पर मेले लगाता लगता है ,
किस से कोई दुवा करू या कोई न्याय की फरीयाद करू अब तो न्याय पालिका के न्यायाधीश भी कुछ रुसवा लगते हैं ,
मेरे लोकतंत्र को कोन सम्भालेगा जब सम्भालने वाले ही सम्भल ना पा रहे  हो "


क्या फिर से कोई भगत सिंह ,देस गुरु ,सुख देव ,लाला लाजपत जैसे देश भगतो का अवतार जन्म हो पायेगा !!!
क्या फिर से देश भगती के गीतों का राग गुनगुनाएगा !!!
क्या फिर से कोई मेरी भारत माता को भ्रष्टाचार की बेड़ियों से आजाद करा पायेगा !!!
इस बार कुछ अलग है पहले विदेशी थे दुश्मन आज देशी ही लगे है  देश को लुटने में मेरे अपने ही लगे हैं ...   अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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